गढ़वाल से सीधे नेपाल-चीन तक हो रही है वन्यजीवों की तस्करी, भयानक है ये काला कारोबार
Wildlife smuggling from Chamoli to Nepal: वन्यजीवों के अंगों को भारत से ले जाकर नेपाल में चीन के व्यापारियों को बेचा जाता है।
Dec 10 2021 1:53PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू होते ही चमोली के सीमांत क्षेत्रों में नेपाली मूल के वन्यजीव तस्करों (Wildlife smuggling Chamoli to Nepal) की सक्रियता बढ़ गई है। चमोली जिले से वन्यजीवों के अमूल्य अंगों की तस्करी कर इन्हें सीधे नेपाल भेजा जा रहा है। जिले में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। ऐसा हर साल होता है, लेकिन पुलिस और वन विभाग दोनों ही इसे रोकने में नाकामयाब रहे हैं। वन्य जीव तस्करों की सक्रियता वन्यजीवों के साथ-साथ देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। नेपाल से आने वाले तस्कर इतने शातिर हैं कि पुलिस भी इन तक नहीं पहुंच पाती। ये पुलिस की आंखों में धूल झोंककर लाखों के अंगों को भारत से नेपाल ले जाते हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से लगी नीती-मलारी घाटी के सीमांत गांवों में रहने वाले भोटिया जनजाति के ग्रामीण निचले इलाकों में आ जाते हैं। इनके जाते ही नंदा देवी नेशनल पार्क और फूलों की घाटी में नेपाली वन्यजीव तस्करों की सक्रियता बढ़ जाती है।
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Wildlife smuggling Chamoli to Nepal - तैयार हैं तस्कर
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सीमा से सटे गांवों को खाली देखकर नेपाली मूल के वन्यजीव तस्कर एक बार फिर यहां डेरा डाल चुके हैं। इस इलाके में काला भालू और दुर्लभ कस्तूरी मृग रहते हैं। तस्कर रिखपिती और कस्तूरी के लिए निरीह जानवरों का शिकार करते हैं। बताया जा रहा है कि नेपाल में चीन के खरीददार इन वन्यजीव अंगों को मोटी रकम में खरीदते हैं। चीन में वन्यजीवों के अंगों के इस्तेमाल से दवाएं और अन्य चीजें बनाई जाती हैं।
Wildlife smuggling Chamoli to Nepal - मुनाफे का लालच
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भारी मुनाफे के लालच में नेपाल के तस्कर हर साल उत्तराखंड पहुंचते हैं। यहां फंदे लगाकर वन्यजीवों का शिकार करते हैं। फिर वन्यजीव अंगों को तस्करी कर भारत से नेपाल ले जाया जाता है। तस्करों की धरपकड़ के लिए जिले में वन विभाग ने कई चेक पोस्ट बनाई हैं। पुलिस महकमा भी मुस्तैद होने के दावे करता है, इसके बावजूद वन्यजीवों के अंगों की तस्करी रुक नहीं रही।