देहरादून में 38 साल बाद बिना बारिश के बीता मार्च, मौसम के इस पैटर्न से वैज्ञानिक भी हैरान
बीते सवा महीने से प्रदेश में बारिश न के बराबर हुई है। बढ़ती गर्मी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं, नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। पढ़िए dehradun weather report
Apr 12 2022 10:10AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में शुष्क मौसम के बीच पारे में उछाल जारी है। लगता है इस बार गर्मी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी।
dehradun weather report No rain in March
मौसम की बेरुखी के चलते मार्च सूखा बीत गया और अप्रैल के पहले हफ्ते में भी बारिश नहीं हुई। मौसम के पैटर्न में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिससे मौसम विज्ञानी भी हैरान हैं। बीते सवा महीने से प्रदेश में बारिश न के बराबर हुई है। देहरादून में 38 साल बाद यह पहला मौका है, जब मार्च बिना बारिश के गुजर गया। इसका असर नदियों से लेकर खेत और बगीचों तक हर तरफ दिख रहा है। आमतौर पर प्रदेश में हर साल मार्च में औसतन 54.6 मिलीमीटर बारिश होती है, जो इस साल 2.2 मिलीमीटर पर सिमट गई। यह सामान्य से 96 प्रतिशत कम है। खासकर देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, टिहरी, पौड़ी और अल्मोड़ा में करीब सवा महीने से बारिश नहीं हुई है। अन्य जिलों में भी नाममात्र की बारिश हुई।
आमतौर पर उत्तराखंड में गर्मी अप्रैल में अपने रंग में होती है, लेकिन इस बार मार्च में ही भीषण गर्मी की शुरुआत हो गई। ग्लेशियर पिघलने से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया। नदियों में जल का प्रवाह बढ़ने से जल विद्युत परियोजनाओं के उत्पादन में वृद्धि भी समय से पहले शुरू हो गई। पिछले वर्षों में अप्रैल मध्य के बाद राज्य के जल विद्युत गृहों का कुल उत्पादन 15 मिलियन यूनिट के करीब पहुंचता था। इधर मार्च के अंत में ही जल विद्युत गृहों ने इस आंकड़े को छू लिया। बारिश न होने से खेती बागवानी भी प्रभावित हुई है। बारिश का इंतजार किसानों की चिंता बढ़ा रहा है। बारिश न होने से खेतों में नमी कम हो गई है। आम और लीची की फसल पर भी कम बारिश का असर दिख सकता है। मौसम विशेषज्ञ बारिश न होने और तापमान में अत्यधिक वृद्धि होने का कारण पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने को मान रहे हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने कहा कि अगले 10 दिन मौसम ऐसा ही रहेगा। बारिश न होने से तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है। देखना है कि आगे dehradun weather report कैसी रहती है।