image: 17 Danger Zone on Kedarnath Badrinath Highway

केदारनाथ-बदरीनाथ हाईवे पर हैं 17 डेंजर जोन, भारी बारिश में अलर्ट रहें..पढ़िए जगहों के नाम

बीते तीन सालों में हाईवे पर बोल्डर गिरने से 21 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। चार दर्जन वाहन भी इस दौरान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
Jun 25 2022 3:48PM, Writer:कोमल नेगी

मानसून करीब आने के साथ ही उत्तराखंडवासियों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। यहां बारिश अपने साथ आपदा भी लेकर आती है। चारधाम यात्रा पर भी इसका असर पड़ता है।

17 Danger Zone on Kedarnath Badrinath Highway

खासकर रुद्रप्रयाग में केदारनाथ-बदरीनाथ हाईवे पर बारिश के दौरान आवाजाही मुश्किल हो जाती है, लोग परेशान रहते हैं। जिले में 17 स्लाइडिंग जोन ऐसे हैं, जो वर्षाकाल में काफी खतरनाक हो जाते हैं। यहां कई घंटे यातायात बाधित रहता है। मानसून आते ही इनकी सक्रियता बढ़ जाती है। स्लाइडिंग जोन पर पहाड़ी से मलबे के साथ ही बोल्डर गिरने लगते हैं। जिससे हाईवे पर आवाजाही प्रभावित होती है, हादसों का खतरा भी बना रहता है। बीते तीन सालों में हाईवे पर बोल्डर गिरने से 21 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। चार दर्जन वाहन भी इस दौरान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बदरीनाथ-केदारनाथ के दर्शनों के लिए 112 किमी हाईवे जनपद रुद्रप्रयाग से होकर गुजरता है। बदरीनाथ हाईवे पर चार स्लाइडिग जोन काफी खतरनाक हैं, जबकि गौरीकुंड हाईवे पर 13 स्लाइडिग जोन हैं। गौरीकुंड हाईवे पर रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग के बीच रामपुर, नारायणकोटी, सिल्ली, सौड़ी, चन्द्रापुरी, गबनी गांव, बांसवाड़ा, भीरी, मुनकटिया, बडासू, चंडिकाधार, सेमी और डोलिया मंदिर डेंजर जोन हैं। इस तरह चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुल 13 डेंजर जोन सक्रिय हैं। यहां लगातार बोल्डर और मलबा गिरता रहता है, लेकिन डेंजर जोन के ट्रीटमेंट के लिए अब तक जरूरी कदम नहीं उठाए गए।

हाईवे पर मलबा व बोल्डर गिरने से कई बार दुर्घटनाएं हुई हैं। 21 दिसंबर 2018 को बांसवाड़ा के पास पहाड़ी से मलबा आने से 9 मजदूरों की मौत हो गई थी। 20 अक्टूबर 2019 को फाटा के पास मलबा आने से 8 लोगों की मौत हुई। 4 मार्च 2020 को नारायणकोटी के पास दुर्घटना में दो लोगों ने जान गंवाई। साल 2020 में हाईवे पर पत्थर गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी। बीते साल जुलाई में भी रुद्रप्रयाग संगम बाजार के पास हाइवे से पत्थर गिरने से एक यात्री की मौत हुई थी। इस बार मानसून को देखते हुए प्रशासन ने जरूरी इंतजाम किए हैं। डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि वर्षाकाल के दौरान हाईवे अवरुद्ध होने पर तत्काल यातायात सुचारू करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी स्लाइडिंग जोन पर जेसीबी तैनात की गई है, जो हाईवे अवरुद्ध होने पर मलबा हटाने का कार्य करेंगे। आप भी कुछ जरूरी सुझाव नोट कर लें। तेज वर्षा होने पर हाईवे पर सुरक्षित स्थान पर रुक कर बारिश बंद होने का इंतजार करें। प्रशासन व पुलिस द्वारा हाईवे पर दिए निर्देशों का पालन करें। पहाड़ी से बिना वर्षा के भी पत्थर व मलबा गिरने का खतरा बना रहता है, इसलिए सावधानी से वाहन चलाएं।


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