उत्तराखंड: यहां एक दूसरे से भिड़ गए सेना के जवान और ग्रामीण, रास्ते को लेकर रार जारी
सैन्य क्षेत्र के पास रास्ता बनाने को लेकर ग्रामीण और सेना के जवानों में फिर से हुआ विवाद, पहले भी कई बार हो चुकी है बहस
Jul 4 2022 6:41PM, Writer:कोमल नेगी
रूड़की के सैन्य क्षेत्र के पास रास्ता बनाने को लेकर ग्रामीण और सेना के जवानों में फिर से तनातनी हो गई है।
Roorkee army personnel and villagers Dispute
पहले भी उनके बीच में कई बार विवाद हो चुका है। रुड़की के सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के भंगेड़ी गांव में सैन्य क्षेत्र के पास रास्ता बनाने को लेकर ग्रामीण और सेना के जवानों में तनातनी हो गई। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इसी बीच सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह मामला शांत कराया। यह पहली बार नहीं है कि इस क्षेत्र में जवान और ग्रामीणों के बीच में इस तरह की तनातनी हुई हो। इस जगह रास्ता बनाने को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका है। लेकिन कई बार बातचीत के बाद भी विवाद का निस्तारण नहीं हो पाया है। अब इस मामले में ग्रामीण ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्यालय पर पहुंचे हैं। जहां पर जेएम से मामले की शिकायत की गई है।
गौरतलब है कि इस जगह पर रास्ते के निर्माण को लेकर पहले भी कई बार विवाद सामने आ चुका है। हालांकि कई बार बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है। इस बीच मामले को लेकर ग्रामीण ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कार्यालय पर भी पहुंचे हैं। यहां पर भी मामले को लेकर शिकायत की गई है। आपको बता दें कि पहले भी इस तरह का विवाद सामने आ चुका है। उस दौरान टकराव की स्थिति के बाद ग्रामीणों ने सड़क पर जाम भी लगा दिया था। जनवरी 2020 में सिविल लाइंस कोतवाली के ही टोडा कल्याणपुर गांव में एक रास्ता सैन्य परिसर से होकर गुजरता था। जहां रास्ते से टोडा कल्याणपुर के लोग होकर गुजरते थे। सेना ने जब इस रास्ते को बंद करने का प्रयास किया तो टकराव की स्थिति देखी गई थी। बड़ी संख्या में लोगों के एकजुट होने के बाद भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ था। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह से रास्ते के बंद होने के बाद उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसी कड़ी में एक बार फिर सैन्य क्षेत्र में रास्ते के निर्माण को लेकर टकराव की स्थिति भंगेड़ी गांव में देखने को मिल रही है। फिलहाल वरिष्ठ अधिकारी ग्रामीणों को समझाने के प्रयास में लगे हुए हैं।