उत्तराखंड में देश का पहला प्रोजक्ट: 2 नदियों को जोड़ने की तैयारी, जानिए इस योजना के फायदे
पेयजल संकट का स्थायी समाधान निकालने के लिए पेयजल विभाग ने पिंडर नदी के पानी को कोसी में लाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
Jul 13 2022 4:17PM, Writer:कोमल नेगी
गर्मी बढ़ते ही पहाड़ों में पेयजल संकट गहराने लगता है।
Preparations to bring water of Pindar river to Kosi river
राज्य सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए दो नदियों को एक करने की योजना बनाई है। योजना के तहत ग्लेशियर वाली पिंडर नदी के पानी को कोसी नदी में डाला जाएगा। यह अपनी तरह की पहली योजना है, प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। योजना के जरिए पेयजल संकट को दूर करने में काफी मदद मिलेगी। बता दें कि कोसी नदी बरसात के पानी से प्रभावित रहती है, इसका जलस्तर गिरने से अल्मोड़ा और बागेश्वर में पानी की किल्लत होने लगी है। लोगों की परेशानियों का स्थायी समाधान निकालने के लिए पेयजल विभाग ने पिंडर नदी के पानी को कोसी में लाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि देश का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट होगा, जिसके तहत ग्लेशियर नदी की धारा को मोड़कर उसे बरसाती नदी पर पहुंचाया जाना है।
उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल की एक नदी को कुमाऊं मंडल की नदी से जोड़ा जाएगा। पिंडर नदी हिमालयी नदी है जो कि 12,530 फीट की ऊंचाई पर स्थित पिंडारी हिमानी ग्लेशियर से शुरू होती है। ग्लेशियर से निकलने के बाद यह नदी गढ़वाल मंडल के चमोली जिले में प्रवेश करती है। योजना पर काम शुरू हो गया है। जल्द ही सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रेजेंटेशन के बाद शासन की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद धरातल पर काम शुरू हो जाएगा। अब इस योजना के फायदे भी बताते हैं। प्रोजेक्ट पूरा होने पर बरसाती नदी में सालभर ग्लेशियर का पानी बहेगा। इससे बड़े आबादी क्षेत्र को पानी मिलेगा। साथ ही बड़े भू-भाग में सिंचाई करने को सालभर पानी उपलब्ध रहेगा।