image: Liquor party at alleged resort of BJP MLA Renu Bisht

गढ़वाल में BJP विधायक रेणु बिष्ट के रिसॉर्ट में नदी किनारे दारू पार्टी? अंकिता कांड से ये ही सीखा?

हाल ही में एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में ये resort उत्तराखंड BJP MLA Renu Bisht का बताया जा रहा है। आपे भी देखिए
Oct 3 2022 11:23AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

सवाल ये है कि आखिर अंकिता भंडारी केस से उत्तराखंड ने क्या सीखा? एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो कई सवाल खड़े कर रहा है। क्या उत्तराखंड में आने वाले टूरिस्ट को गुंडागर्दी और शराब पार्टी करने के लिए विधायक रेणु बिष्ट भी खुला मौका दे रही हैं?

party at alleged resort of BJP MLA Renu Bisht

पौड़ी गढ़वाल में ऋषिकेश से सटे यम्केश्वर ब्लॉक में रेनू बिष्ट विधायक हैं। रेणु बीजेपी की विधायक हैं और वीडियो में ये बताया जा रहा है कि ये उनका रिजॉर्ट है। रिसॉर्ट में आए हुए टूरिस्ट नदी के किनारे खुलेआम शराब पार्टी करते दिख रहे हैं। हेंवल नदी क्षेत्र में एनजीटी के आदेश का क्रियान्वयन दूर-दूर तक नजर नहीं आता है। बीते शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो में जोगियाणा ग्राम सभा में हेंवल नदी किनारे दिल्ली के कुछ पर्यटक खुलेआम शराब पी रहे हैं। नजदीक ही एक रिसॉर्ट बना है। यही जवाब मिला कि ये रिसॉर्ट रेणु बिष्ट का है, जो दिल्ली के किसी व्यक्ति को लीज पर दिया गया है। वीडियो में पर्यटक साफ कह रहे हैं कि उन्हें रिसॉर्ट संचालक की ओर से यहां पर यह सब करने की अनुमति दी गई है। इसके बदले में पेमेंट भी किया है। रिसॉर्ट मानक के विपरीत बना है। जब जनप्रतिनिधि और अधिकारी वनन्तरा रिसॉर्ट पर बुलडोजर चला सकते हैं तो अन्य रिसॉर्ट को क्यों छोड़ा जा रहा है। आगे देखिए जागो उत्तराखंड का वो वीडियो, जिसे पत्रकार आशुतोष नेगी ने जनता के सामने रखा है।

आपको यह भी बता दें कि रेणु बिष्ट वही विधायक हैं जिन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद वन अंतरा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलाया था। रिजॉर्ट में जब बुलडोजर चलाया तो पूरे उत्तराखंड में विरोध उठा और सवाल पूछे गए कि आखिर जल्दबाजी में बुलडोजर क्यों चलाया गया। इस मामले में कोटद्वार के अधिवक्ता प्रवेश रावत ने स्थानीय विधायक रेणु बिष्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने एसएसपी को पत्र भेजकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।अधिवक्ता प्रवेश रावत ने कहा है कि अगर शीघ्र ही स्थानीय विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता, तो कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी और विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। सिविल पुलिस ने 22 सितंबर को अंकिता हत्याकांड में बड़ा खुलासा करते हुए तीनों आराोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया था। उसके बाद 24 सितंबर को चिल्ला नहर से अंकिता का शव बरामद हुआ था। इसी बीच, 23 सितंबर की रात को आनन-फानन में कार्रवाई के नाम रिजॉट में बने अंकिता के कमरे पर बुलडोजर लगा दिया गया था। रातों रात बुलडोजर से अंकिता के कमरे को ध्वस्त करने के बाद से ही तमाम सवाल उठने शुरू हुए हो गए थे, क्योंकि आरोप लगाए जा रहे हैं कि इस कार्रवाई से सबूतों को नष्ट कर दिया गया है। बुलडोजर चलाने के साथ यह यह साफ हो गया है कि कहीं न कहीं अंकिता केस के आरोपियों को बचाया जा रहा है।



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