उत्तराखंड में अखिलेश यादव के इस काम से नाराज हुए तीर्थ पुरोहित, जानिए पूरा मामला
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर होने वाले कार्य को अखिलेश यादव ने नीलधारा में किया, जो कि बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।
Oct 19 2022 8:02PM, Writer:कोमल नेगी
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित की गईं। सारे कर्मकांड उनके पुत्र अखिलेश यादव ने संपन्न किए, लेकिन इस बीच अखिलेश यादव ने कुछ ऐसा कर दिया, जिसने पुरोहित समाज को नाराज कर दिया है।
Purohit of Haridwar angry with Akhilesh Yadav
दरअसल मुलायम सिंह यादव की अस्थियां हरकी पैड़ी में नहीं बल्कि नमामि गंगे घाट पर विसर्जित की गईं। जिससे तीर्थ पुरोहित नाराज हैं। तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित कहते हैं कि जिस तरह से हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर होने वाले कार्य को अखिलेश यादव ने नीलधारा में किया, वो बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हरकी पैड़ी का विशेष महत्व है। इसलिए यहां पर सभी 13 अखाड़े कुंभ के दौरान स्नान करते हैं, जिसका विवरण हमारे ग्रंथों में भी है। अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का अस्थि विसर्जन कार्यक्रम यहीं होना चाहिए था, लेकिन वीआईपी कल्चर के चलते कार्यक्रम को आखिर में चेंज कर दिया गया।
मुलायम सिंह यादव के सभी पूर्वजों और उनके परिजनों का अस्थि विसर्जन हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर ही हुआ है। परंतु कुछ चापलूस और विशेष सलाहकारों के कारण यह कार्यक्रम अपनी सुविधानुसार रखा गया, जो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। तीर्थ पुरोहित सौरभ सीखोला का भी यही कहना है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने अपने पिता की अस्थियां हरकी पैड़ी में विसर्जित नहीं की, ये साफ दिखाता है कि उनकी बुद्धि काम नहीं कर रही है। बता दें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी व्यक्ति विशेष की अस्थियों को हरिद्वार की हरकी पैड़ी में नहीं बल्कि नमामी गंगे घाट पर विसर्जित किया गया। 10 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया था, उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी।