जोशीमठ में नृसिंह मंदिर समेत कई जगहें सेंसेटिव जोन में, ISRO की सैटेलाइट इमेज में बड़ा खुलासा
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने पहली बार जोशीमठ भू-धंसाव की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। तस्वीरों में दिखाया गया है कि जोशीमठ शहर किस तेजी से धंस रहा है।
Jan 13 2023 6:51PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
जोशीमठ भारी त्रासदी से गुजर रहा है। इस कदर हालात बन गए हैं कि लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हैं। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था यानी इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर ने पहली बार जोशीमठ भू-धंसाव की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं।
Joshimath sinking ISRO Satellite Image
तस्वीरों में दिखाया गया है कि जोशीमठ शहर किस तेजी से धंस रहा है। ये सभी तस्वीरें काटरेसैट-2एस सैटेलाइट से ली गई हैं। भू-धंसाव के बाद घरों और सड़कों में जो दरारें पड़ी उन पर देश के तमाम वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। पहली बार इसरो यानी ने जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। और ये तस्वीरें गवाही दे रही हैं कि खतरा बहुत बड़ा है। इसरो से जारी हुई जोशीमठ की सैटेलाइट तस्वीरें में साफ-साफ देखा जा सकता है कि जोशीमठ का कौन सा हिस्सा धंसने वाला है। इसरो ने तस्वीरों पर जो पीले कलर का मार्क किया है, वो सेंसेटिव जोन है। इस पीले घेरे में पूरा शहर आता है। इससे देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे ये पूरा शहर धंसने वाला है। इसरो ने आर्मी का हेलीपैड और नरसिंह मंदिर को भी मार्क किया है। रिपोर्ट में क्या बताया गया है जरा गौर कीजिए
अप्रैल से नवंबर 2022 तक जमीन धंसने का मामला धीमा था।
इन सात महीनों में जोशीमठ 8.9 सेंटीमीटर धंसा है।
लेकिन 27 दिसंबर 2022 से लेकर 8 जनवरी 2023 तक मामला गंभीर हो गया
12 दिनों में जमीन धंसने की तीव्रता 5.4 सेंटीमीटर हो गई।
यानी कि 12 दिनों जोशीमठ को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा।
सैटेलाइट तस्वीरों ने जो लाल रंग की धारियां दिख रहीं है, वो सड़कें हैं।
नीले रंग का जो बैकग्राउंड है, वो जोशीमठ शहर के नीचे का ड्रेनेज सिस्टम है।
बड़े नकसान की आशंका है। तस्वीरों में जोशीमठ शहर के सेंटर को लाल रंग को गोले दशार्या गया है, जिससे पता चलता है कि ये हिस्सा सबसे ज्यादा भू-धंसाव से प्रभावित है। इस धंसाव का ऊपर हिस्सा जोशीमठ औली रोड पर मौजूद है। औली रोड भी धंसने वाली है। जोशीमठ का निचला हिस्सा यानी बेस जो अलकनंदा नदी के ठीक ऊपर है, वो भी धंसेगा। हालांकि इसरो की ये प्राइमरी रिपोर्ट है। फिलहाल रिपोर्ट की स्टडी अभी जारी है। लेकिन ये जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो बड़े खतरे की तरफ ही इशारा कर रही हैं। एक तरफ लोग रो रहे हैं, घरों को छोड़ रहे हैं, आखिरी बार घर को निहार रहे हैं,...तो दूसरी तरफ इसरो की ये सैटेलाइट इमेज बता रही हैं कि इंसान ने प्रकृति से बहुत बड़ी छेड़छाड़ कर दी है। परिणाम गंभीर हो सकते हैं।