उत्तराखंड के नक्शे से गायब हो गए दो प्राचीन मंदिर, रिसर्च में सामने आई बड़ी बातें
उत्तराखंड में कभी कुटुंबरी मंदिर और वैराटपट्टन मंदिर भी हुआ करता था, लेकिन अफसोस कि बदलते वक्त के साथ ये दोनों प्राचीन मंदिर नक्शे से गायब हो गए।
Jun 5 2023 6:00PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड अपनी धार्मिक-ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। हर साल देश-दुनिया से लाखों भक्त यहां बदरीनाथ-केदारनाथ व जागेश्वर धाम जैसे प्राचीन मंदिरों के दर्शनों के लिए आते हैं।
Uttarakhand Kutumbari Temple Vairatpattan Temple missing
इसी उत्तराखंड में कभी कुटुंबरी मंदिर और वैराटपट्टन मंदिर भी हुआ करता था, लेकिन अफसोस कि बदलते वक्त के साथ ये दोनों प्राचीन मंदिर नक्शे से गायब हो गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अध्ययन में ये बात सामने आई है। एएसआई देहरादून सर्किल की टीम ने इनका निरीक्षण किया है। सबसे पहले कुटुंबरी मंदिर के बारे में जानते हैं। यह मंदिर अल्मोड़ा के द्वाराहाट में एक ऊंची पहाड़ी पर था। सात मंदिरों के साथ इसे भी एएसआई ने 26 मार्च 1915 को संरक्षित किया था। अंतिम बार 1957 में अभिलेखों में इसका उल्लेख मिला था। इसके बाद वर्ष 1964 में जमीन पर मंदिर के बहुत कम भौतिक साक्ष्य मिले। धीरे-धीरे मंदिर नक्शे से मिटता चला गया।
बताया जाता है कि इस मंदिर को आठवीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने बनवाया था। ये भी पता चला है कि मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल लोगों ने अपने घरों में कर लिया है। एएसआई देहरादून के अधीक्षण पुरातत्वविद् मनोज कुमार सक्सेना की टीम ने अल्मोड़ा पहुंचकर बीते सप्ताह इसका निरीक्षण किया था। जिसमें पता चला कि अब मंदिर के अवशेष नहीं बचे हैं। रामनगर में कार्बेट टाइगर रिजर्व के पास ढिकुली का वैराटपट्टन मंदिर भी अब इतिहास बनकर रह गया है। वर्ष 2013 में यहां एक शिवालय के अवशेष मिलने के बाद एएसआई ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया था। लेकिन धीरे-धीरे यहां के अवशेष भी गायब हो गए। अब एएसआई ने इसे मिसिंग स्मारक की सूची में शामिल किया है। ये दोनों मंदिर देश के खोए हुए 50 स्मारकों की सूची में शामिल हैं। वैराटपट्टन 7वीं शताब्दी में एक राजधानी क्षेत्र था, जहां अब घने जंगल हैं। दूसरी ओर एएसआई की टीम जल्द ही चकराता के रोमन शैली में बने ऐतिहासिक स्कॉटिश व एंगलिक चर्चों का संरक्षण करने जा रही है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।