उत्तराखंड आकर 150 मीट्रिक टन कूड़ा छोड़ गए कांवड़िए, अब महामारी फैलने का खतरा
Haridwar garbage problem जाने से पहले भोले के भक्तों ने मोक्षनगरी हरिद्वार को जो दर्द दिया है, उसके लिए इन्हें कतई माफ नहीं किया जा सकता।
Jul 15 2023 5:59PM, Writer:कोमल नेगी
सावन की शिवरात्रि के साथ ही कांवड़ यात्रा का समापन हो गया। हरिद्वार पहुंचे कांवड़ यात्री भी वापस लौटने लगे हैं, लेकिन जाने से पहले भोले के भक्तों ने मोक्षनगरी हरिद्वार को जो दर्द दिया है, उसके लिए इन्हें कतई माफ नहीं किया जा सकता।
Kanwariya Left 150 MT Garbage In Haridwar
हरिद्वार में करोड़ों की तादाद में पहुंचे कांवड़ यात्री हरे-भरे पहाड़ों के लिए मशहूर उत्तराखंड में कचरे का पहाड़ छोड़ गए हैं। आस्था में डूबे कांवड़ियों ने शहर की सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा। हरिद्वार गंगाजल लेने पहुंचे चार करोड़ से अधिक कांवड़ तीर्थयात्रियों ने न सिर्फ जमकर कूड़ा फैलाया, बल्कि सड़कों के साथ-साथ गंगा नदी को भी कचरे से पाट कर चले गए। कांवड़ यात्री अपने पीछे गंगा और गंगा घाट में डेढ़ सौ मीट्रिक टन से अधिक कूड़ा छोड़कर गए हैं। जिससे हरकी पैड़ी सहित क्षेत्र के सभी गंगा घाटों में भारी गंदगी के साथ बदबू फैली हुई है। आगे पढ़िए
Haridwar garbage problem
कूड़े में बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित श्रेणी की पॉलिथीन भी है, जिन्हें गंगा घाटों और गंगा में छोड़ दिया गया है। बारिश के मौसम में ये कचरा संक्रामक रोग फैलने की वजह बन सकता है। नगर निगम और अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं अपने-अपने संसाधनों से इसकी सफाई में लगी हैं। बावजूद इसके माना जा रहा है कि पूरी तरह से सफाई करने में करीब एक सप्ताह का समय लगेगा। तब तक गंगा स्नान को यहां आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को इसी गंदगी में रहना होगा। बता दें कि 4 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा का आज समापन हो गया। इस दौरान अब तक चार करोड़ से ज्यादा कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे, ये अब जलभर कर वापस लौटने लगे हैं, लेकिन अपने पीछे कचरे के पहाड़ छोड़ गए हैं।