देहरादून में फर्जी रजिस्ट्री बनाने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार, अब तक कर डाला 20 करोड़ का खेल
देहरादून के इस वकील ने अपने मुंशी और वकील इमरान के साथ मिलकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया। पढ़िए पूरी खबर
Aug 28 2023 7:11PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
देहरादून के वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को रजिस्ट्रार ऑफिस में गड़बड़ी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
Dehradun fake registry case Kamal Virmani arrested
एसआईटी कई दिनों से उनका पीछा कर रही थी और आखिरकार कमल विरमानी तक पहुंचने कामयाब रही। कमल विरमानी को फर्जी रजिस्ट्रियों के खेल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। देहरादून के इस वकील ने अपने मुंशी और वकील इमरान के साथ मिलकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया। इस मामले में अभी तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जांच में पता चला कि विरमानी ने 20 से ज्यादा फर्जी रजिस्ट्रियां कराने में गिरोह की मदद की और इन जमीनों को माफिया के नाम कर दिया। इसके एवज में करोड़ों रुपये लिए गए। रविवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि रजिस्ट्री में छेड़छाड़ और फर्जी रजिस्ट्रियों के मामले में 15 जुलाई को शहर कोतवाली में केस दर्ज हुआ था। मामले की जांच एसआईटी कर रही है। 8 आरोपियों की गिरफ्तारी होने के बाद वकील कमल विरमानी का नाम भी मामले में सामने आया था, जिसके बाद शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले के एक आरोपी केपी सिंह के कहने पर विरमानी ने पुरानी और विवादित जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियों का खेल शुरू किया। आगे पढ़िए
रजिस्ट्रियों की ड्राफ्टिंग विरमानी के चैंबर में ही होती थी। इसके बाद विरमानी इन्हें बनाकर वकील इमरान और मुंशी रोहताश को दे देता था। जो कि अजय क्षेत्री, डालचंद और विकास पांडेय की मदद से इन्हें रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में रखवा देते थे। इस पूरे मामले में एक नंबर में भी यानी खातों में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। पिछले दिनों अधिवक्ता इमरान की गिरफ्तारी पर ही 20 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन की पुष्टि हुई थी। यह मामला 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का हो सकता है। जांच में ये भी पता चला है कि आरोपियों ने रजिस्ट्रार ऑफिस और रिकॉर्ड रूम से निकाले गए मूल दस्तावेजों को जलाकर नष्ट कर दिया। पुलिस कस्टडी में विरमानी ने अपनी करतूत को कबूला है। गिरफ्तारी के बाद विरमानी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।