image: high level investigation of Uttarakhand Silkyara Tunnel

उत्तराखंड: रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सिलक्यारा टनल पर संकट, हाई लेवल चेकिंग पर टिका भविष्य

अगले एक सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार एक उच्च स्तरीय दल को अध्ययन के लिए यहां भेज सकती है, उसके बाद ही सुरंग का भविष्य तय हो पाएगा।
Nov 30 2023 1:43PM, Writer:कोमल नेगी

सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया।

investigation of Silkyara Tunnel

इसी के साथ सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के भविष्य को लेकर मंथन शुरू हो गया है। टनल आर- पार होने में अब भी करीब चार सौ मीटर की दूरी बाकी है। 12 नवंबर को मलबा आने के बाद से सुरंग का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सुरंग के ऊपर से अब तक 36 मीटर से अधिक वर्टिकल ड्रिल हो चुका है, इसका क्या किया जाएगा, ये भी बड़ा सवाल है। फिलहाल सिलक्यारा वाले छोर पर काम पूरी तरह बंद है। कहा जा रहा है कि अगले एक सप्ताह के अंदर केंद्र सरकार एक उच्च स्तरीय दल को अध्ययन के लिए यहां भेज सकती है, उसके बाद ही सुरंग का भविष्य तय हो पाएगा। आगे पढ़िए

अब सबकुछ उच्च स्तरीय जांच दल की रिपोर्ट पर निर्भर हो गया है। फिलहाल सुरंग में न सिर्फ मलबा भरा है, बल्कि जगह-जगह मशीनरी और दूसरा साजो सामान भी बिखरा हुआ है। यहां करीब 55 मीटर तक मलबा जमा है। इसे साफ करते ही ऊपर से और मलबा आ रहा है। बता दें कि चारधाम यात्रामार्ग परियोजना के तहत यमुनोत्री मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के काम में पहले ही विलंब चल रहा है। इस टनल को पहले गत जुलाई में बनकर तैयार होना था, लेकिन टनल आर-पार होने में अब भी करीब चार सौ मीटर की दूरी बाकी है। 12 नवंबर को यहां मलबा आ गया। सिलक्यारा सुरंग के भविष्य को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस पर भारत सरकार को ही अंतिम निर्णय लेना है। उत्तराखंड में सभी निर्माणाधीन सुरंगों की समीक्षा की जाएगी। सभी में सुविधा के साथ ही सुरक्षा मानकों का भी ध्यान रखा जाएगा।


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