उत्तराखंड पुलिस के जवान विरेंद्र सिंह को सेल्यूट ! मरने के बाद भी 2 लोगों को जीवन दे गए
हरिद्वार में तैनात दिवंगत जवान वीरेन्द्र सिंह का सड़क हादसे में निधन हो गया है। मृत्यु के पश्चात उत्तराखंड पुलिस के आरक्षी के परिजनों ने ऋषिकेश AIIMS में उनका नेत्रदान करवाया है।
Mar 17 2024 12:22PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
जवान वीरेन्द्र सिंह के और उनके परिजनों के इस कदम से, दो लोगों के जीवन में नयी रोशनी का संचार हो सकेगा और वे भी इस रंगबिरंगी दुनिया को देख सकेंगे।
Uttarakhand Police Jawan Virendra Singh Chauhan
दुर्घटना में चलबसे उत्तराखंड पुलिस के जवान वीरेन्द्र सिंह चौहान और परिजनों ने एक नई मिसाल कायम की है। AIIMS ऋषिकेश के आई बैंक में दिवंगत विरेंद्र सिंह चौहान की मृत्यु के उपरांत परिजनों ने नेत्रदान कराया है। बीते 13 मार्च (बुधवार) की शाम को उटेल निवासी पुलिस आरक्षी विरेंद्र सिंह चौहान (30 वर्ष) का नवोदय नगर हरिद्वार में हुए सड़क हादसे में निधन हो गया था। हरिद्वार में तैनात दिवंगत जवान वीरेन्द्र सिंह की मृत्यु के पश्चात उनके परिजनों ने उनके नेत्र दान करवाने का निर्णय लिया। शोक की इस घड़ी में भी उनके परिजनों ने उनके नेत्रदान करने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद वीरेंद्र सिंह की बॉडी को नेत्रदान के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ऋषिकेश अस्पताल में ले जाया गया। जिसके बाद ऋषिकेश आई बैंक के माध्यम से उनका नेत्रदान कराया गया।
जवान वीरेन्द्र सिंह ने जीते जी पुलिस ड्यूटी करके देश भक्ति की और मरने के बाद नेत्रदान के माध्यम से दो नेत्र हीन लोगों की जिंदगी को रोशन कर दिया। ऋषिकेश AIIMS की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने नेत्रदान जैसे महादान के इस पुनीत संकल्प के लिए दिवंगत पुलिस आरक्षी के परिजनों की सराहना की। प्रोफेसर मीनू सिंह ने कहा कि दिवंगत वीरेन्द्र सिंह से अन्य लोगों को भी नेत्रदान के संकल्प की प्रेरणा लेनी चाहिए।
सड़क हादसे में हो गया था निधन
ऋषिकेश AIIMS के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि उटेल निवासी विरेंद्र सिंह चौहान 30 वर्ष का बीते बुधवार की रात सड़क हादसे में निधन हो गया। उनके निधन के बाद भाई राजेश चौहान ने अपने दिवंगत प्रियजन का नेत्रदान कराया। SSP हरिद्वार प्रमेन्द्र डोभाल ने भी वीरेंद्र सिंह चौहान के जाने का दु:ख व्यक्त किया है, उन्होंने का परिजनों का यह निर्णय (नेत्रदान का निर्णय) सराहनीय है। ऐसे देश भक्त वीर जवानों को राज्य समीक्षा की टीम सेल्यूट करती है। गौरतलब है कि ऋषिकेश आई बैंक (AIIMS ) को स्थापना के बाद से अब तक 812 कॉर्निया प्राप्त हुए हैं। जिनमें से अधिकांश कॉर्निया जरूरतमंद लोगों को प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं।