image: Maa Bhagwati Temple Closed for Devotees During Navratri

उत्तराखंड का ऐसा शक्तिपीठ जहां नवरात्रि में नहीं खुलते कपाट, साल में बस इन 4 दिन होते हैं दर्शन

नवरात्रि के दौरान देवी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जाती है। लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है, जहां नवरात्रि में भक्त देवी के दर्शन नहीं कर सकते।
Oct 1 2024 5:32PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

यह मंदिर मां भगवती के शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है और ये पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट विधानसभा से पांच किलोमीटर दूर आंकोट गांव में स्थित है। मां सती के कमर से नीचे का भाग यहीं गिरा था, इसलिए इस स्थान को मां के शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है।

Maa Bhagwati Temple Closed for Devotees During Navratri

नवरात्रि का पर्व देशभर में गहरी धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाता है, जहां देवी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर है, जहां नवरात्रि के दौरान भक्त देवी के दर्शन नहीं कर सकते। यह प्रथा सदियों से यहां चली आ रही है। हम बात कर रहे हैं आंकोट गांव की, जो डीडीहाट विधानसभा से पांच किलोमीटर दूर स्थित है और जहां मां भगवती शक्तिपीठ के रूप में पूजी जाती हैं। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि मां सती के कमर से नीचे का भाग यहीं गिरा था, जिससे इसे मां के शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है। हालांकि नवरात्रि के दौरान इस मंदिर के कपाट नहीं खोले जाते।

साल में केवल चार पूर्णिमा तिथियों को खुलता है मंदिर

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर को मां भगवती के शक्तिपीठ के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसे साल में केवल चार बड़ी पूर्णिमा पर ही खोला जाता है। यह परंपरा गांव के सभी लोग पीढ़ी दर पीढ़ी निभाते आ रहे हैं। जहां एक ओर नवरात्रि के दौरान मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है, वहीं यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां नवरात्रि में पूजा-अर्चना नहीं होती। यह मंदिर साल में केवल चार पूर्णिमा तिथियों (माघ, कार्तिक, सावन, वैशाख) पर श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है। नवरात्रि में इसे नहीं खोलने का कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन मान्यता है कि मंदिर में प्रवेश करने वाला पुजारी अपनी आंखों में पट्टी बांधकर देवी मां को स्नान कराते हैं।


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