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उत्तराखंड: दिल्ली जाने वाले यात्रियों को सुप्रीम कोर्ट की राहत, हटाई रोडवेज की 221 बसों पर पाबंदी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का पुन: संचालन शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। आदेश मिलते ही परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की करीब 221 बसों दिल्ली के लिए चलने लगीं।
Dec 6 2024 11:01AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने फिर से उत्तराखंड रोडवेज की बसों के संचालन की मंजूरी दे दी है। नवंबर महीने में दिल्ली सरकार ने ग्रैप-4 नीति लागू कर उत्तराखंड की 194 सामान्य और 27 वॉल्वो बसों पर दिल्ली में प्रतिबन्ध लगा दिया था। इससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही थी। पूरे 22 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने रोडवेज बसों पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी हैं।

Supreme Court lifts ban on 221 roadways buses

दिल्ली सरकार द्वारा बीते 14 नवंबर को दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-4 की पॉलिसी लागू की गई थी। जिसके तहत उत्तराखंड परिवहन निगम की 194 सामान्य और 27 वॉल्वाे बसों का संचालन दिल्ली में बंद कर दिया गया था। उत्तराखंड से भेजी गई दो पाबंधी बसों का दिल्ली में चालान भी काटा गया था। लेकिन कल बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है जिसके तहत दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के संचालन पर लगाई गईं पाबंदियां हटा दी है।

दिल्ली के लिए फिर चलने लगी 221 बस

सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने कल बृहस्पतिवार को ही उत्तराखंड की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की बसों का पुन: संचालन शुरू करने का आदेश जारी कर दिया। आदेश मिलते ही शुक्रवार यानि आज से ही परिवहन निगम की बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की करीब 221 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर शुरू कर दिया गया है।

दूर हुई यात्रियों की परेशानी

दिल्ली में उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों के संचालन पर पाबंधी लगने से दिल्ली -देहरादून वाले यात्रियों को बहुत सी परेशानियों से जूझना पड़ा। बीते 22 नवंबर से कल 5 दिसंबर तक दिल्ली जाने वाले यात्रियों बस पकड़ने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ा। कई बार तो यात्रियों को दिल्ली के लिए बसें ही नहीं मिल पा रही थी। यात्रियों को इस दौरान दिल्ली-देहरादून के लिए निजी बसें और टैक्सी में दो से तीन गुना तक अधिक किराया देना पड़ रहा था। इसके अलावा बसों का संचालन बंद होने से कई कंडक्टरों और ड्राइवरों का रोजगार भी छीन गया। कई संविदा और विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों को इस दौरान काम नहीं मिल पा रहा था। उन्हें मजबूरन इस स्थिति में घर बैठना पड़ा, इससे लोगों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद व्यवस्थाएं पहले जैसी हो जाएंगी।


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