image: uttarakhand somu pant won bronze medel in malesia

देवभूमि की बेटी ने विदेश में फहराया तिरंगा, एशिया पैसेफिक गेम्स में जीता मेडल

उत्तराखंड की बेटी..7 साल की बच्ची की मां और एक शिक्षिका। इस बेटी ने विदेश में भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। एशिया पैसेफिक गेम्स में मेडल जीता है।
Sep 13 2018 10:49AM, Writer:रश्मि पुनेठा

उत्तराखंड की बेटियां हर मोर्चे में अपनी क्षमता को साबित करती आई है। फिर चाहे वो सेना में अधिकारी के तौर पर जाने का निर्णय हो, शिक्षा हो, या फिर खेल का मैदान ही क्यों ना हो। हर जगह देवभूमि की बेटियों ने भारत का मान बढ़ाया है। इस बार कामयाबी की कहानी लिखी है सोमू पंत ने। सोमू पंत की सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि वो ना सिर्फ एक खिलाड़ी हैं बल्कि शिक्षक के तौर पर देहरादून में सेवाएं भी दे रही हैं। कामयाबी इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि सोमू पंत 7 साल की बच्ची की मां भी हैं। एक शिक्षिका अपने छात्रों के लिए रोल मॉडल बन गई है, तो एक मां अपनी बेटी के लिए आदर्श बन गई हैं। मूलरुप से हल्द्वानी की रहने वाली सोमू पंत ने मलेशिया के पिनांग शहर में एशिया पैसिफिक मास्टर्स गेम्स में कास्य पदक जीता है।

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35 से 40 साल की श्रेणी में सोमू पंत ने ये पदक 500 मीटर दौड़ में हासिल किया है। अब सोमू पंत नए मिशन के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। 500 मीटर की दौड़ में परचम लहराने के बाद सोमू पंत 15 सितंबर को आयोजित होने वाली 1500 मीटर दौड़ में हिस्सा लेंगी। इस स्पर्धा में भी उनसे और भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।
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सोमू पंत देहरादून के स्कूल में टीचर के पद पर कार्यरत है। उन्होंने अपनी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई हल्द्वानी से पूरी की है। जिसके बाद उनकी शादी बेरीनाग के संजय पंत से हुई। इसे जुनून ही कहा जाएगा कि सात साल की बेटी की मां सोमू ने मलेशिया में उत्तराखंड का नाम रौशन कर दिया। 15 सितंबर तक चलने वाले एशिया पैसिफिक मास्टर्स गेम्स के आखिरी दिन वह एक बार फिर मैदान में उतरेंगी। यहां आपको ये भी बता दें कि 7 सितंबर से शुरू हुए इस गेम्स का समापन 15 सितंबर को होगा। पेनांग शहर में हो रहे इस आयोजन में 68 देशों ने हिस्सा लिया है। भारत से इस साल 170 खिलाड़ियों ने अलग अलग खेलों में हिस्सा लिया है। खास बात यह है कि इस आयोजन में अलग अलग उम्र के लोगों ने हिस्सा लिया है। जिसमें ऐसे भी लोग शामिल है जिनकी उम्र 80 के करीब है।


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