image: uttarakhand high court reject allegation on colnal ajay kothiyal

देवभूमि के जांबाज कर्नल अजय कोठियाल को बड़ी राहत, हाईकोर्ट में सभी आरोप खारिज

उत्तराखंड के जांबाज कर्नल अजय कोठियाल को हाईकोर्ट से आखिरकार बड़ी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट ने उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया गया है।
Sep 30 2018 6:55AM, Writer:कपिल

आखिरकार कर्नल अजय कोठियाल के चाहने वालों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ गई है। जब कर्नल अजय कोठियाल सेना में थे तो उन्होंनें 17 आतंकियों को अकेले ही मार गिराया था। अब उनके द्वारा प्रशिक्षित किए गए करीब 1400 युवा सेना में भर्ती हो चुके हैं। इस बीच कर्नल अजय कोठियाल के खिलाफ हाईकोर्ट में एक केस चल रहा था। नंदा देवी की त्रिशूल चोटी पर अभियान के दौरान उन पर अनियमितता संबंधी आरोप लगाए गए थे, जिन्हें हाईकोर्ट की तरफ से खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने साथ ही कोर्ट ने कहा कि ये मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए था और ऐसे मामलों से सेना के मनोबल और आत्मविश्वास पर गलत असर पड़ता है।दरअसल साल 2005 में भारतीय सेना की आर्मी एडवेंचर विंग ने त्रिशूल शिखर पर पर्वतारोहण अभियान किया था।

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इस दौरान कर्नल सुमित कोटनाला को लीडर बनाया गया था और तत्कालीन मेजर अजय कोठियाल को क्लाइम्बिंग टीम का लीडर बनाया गया था। जब ये अभियान खत्म हुआ तो कर्नल कोटनाला और मेजर कोठियाल को सीजेएम चमोली की ओर से सम्मन का नोटिस मिला था। वन विभाग के रेंजर मदन लाल राही की तरफ से ये केस दर्ज कराया गया था। टीम के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने की शिकायत दर्ज की गई थी। अभियान में वन विभाग को शामिल ना करने, बगैर इजाज़त के स्कीइंग करने, वन क्षेत्र में आग जलाने और जनरेटर का इस्तेमाल करने जैसे आरोप लगाए गए थे। सीजेएम चमोली से राहत नहीं मिली तो इसके बाद कर्नल कोठियाल ने मामले को उत्तराखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी।

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कोर्ट में कर्नल कोठियाल के वकील ने बताया कि पर्वतारोहण और स्कीइंग अभियान को भारतीय सेना द्वारा आयोजित किया गया था। वन संरक्षक से इसकी पहले ही स्वीकृति ली गई थी। कोर्ट में बताया गया कि कर्नल कोठियाल सरकारी दायित्व के तहत ही इस अभियान में शामिल हुए थे और उनके खिलाफ बगैर केंद्र सरकार की अनुमति के मुकदमा दर्ज नहीं हो सकता। कोर्ट ने इस केस में निचली अदालत में दायर मुकदमे को खारिज कर दिया। आपको बता दें कि कर्नल अजय कोठियाल का सेना में जबरदस्त रिकॉर्ड रहा है। 17 आतंकवादियों को ढेर करने में जिस तकनीति का इस्तेमाल किया गया था, वो अब सेना के पाठ्यक्रम में शामिल हो गई है। इस वजह से कर्नल कोठियाल को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। फिलहाल कर्नल कोठियाल के चाहने वाले लाखों लोगों के लिए ये एक शानदार खबर है।


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