उत्तराखंड में दौड़ी पहली इलैक्ट्रिक बस.. पैनिक बटन, GPS और CCTV जैसी खूबियां
उत्तराखंड में पहली इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल हुआ है। पर्यावरण और पर्यटन को ध्यान में रखते हुए इस बस में कई बेमिसाल खूबियां हैं।
Oct 9 2018 8:04AM, Writer:कपिल
उत्तराखंड में पर्यावरण और पर्यटन को ध्यान में रखते हुए इलैक्ट्रिक बसों को चलाने का फैसला लिया गया है। सबसे पहले मसूरी से देहरादून और हल्द्वानी से नैनीताल रूट पर इन बसों का संचालन होना है। खबर है कि करीब 25 25 बसें दोनों रूटों पर चलाई जानी है। इस वजह से मसूरी देहरादून रूट पर पहली इलैक्ट्रिकेट बस का ट्रायल रन किया गया। इस बस की खूबियां जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। बस की लागत करीब 1 करोड़ रुपये है। पर्वतीय मार्गों को देखते हुए बस 166 व्हीलबेस की है। इसके अलावा सबसे खास बात ये है कि इस बस में महिला सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। बस की हर सीट पर पैनिक बटन दिया गया है। इसके अलावा बस में सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं। पैनिक बटन कैसे काम करेगा जरा ये भी जान लीजिए।
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पैनिक बटन जीपीएस की मदद से काम करता है। ये एक ऐसा फीचर है जो मुसीबत के समय या किसी अप्रिय घटना के होने पर बेहद काम आता है। उस समय आप उसके उपयोग से सिक्योरिटी, पुलिस या अपने किसी जानने वाले को अपनी लोकेशन के साथ साथ ये बता सकते है कि आप मुसीबत में है। ये शानदार सुविधा इस इलैक्ट्रिक बस में दी गई है। पहले फेज़ में 25-25 बसें देहरादून-मसूरी और हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग संचालित करने को कहा गया था। इसके तहत रोडवेज ने देशभर की बस कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए थे। आखिरकार तमिलनाडू की एक कंपनी ने एक बस ट्रायल करने के लिए देहरादून भेजी। पहले 4 अक्टूबर को इस बस का ट्रायल होना था लेकिन ऐन वक्त पर कार्यक्रम बदला गया। रोडवेज़ के अधिकारियों ने सोमवार को भी बस का मसूरी मार्ग पर परीक्षण किया।
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अगर ये ट्रायल सफल साबित होता है, तो देहरादून से मसूरी के लिए ऐसी 25 बसों का संचालन होगा। साथ ही ये बात हम सभी जानते हैं कि उत्तराखंड में हर दिन हजारों लोग एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए सफर करते है। सरकार इन लोगों की सुविधा के लिए बेहतर सड़कों का निर्माण तो करा ही रही है। लेकिन अब इनके सफर को सुविधाजनक बनाने की भी पहल की जा रही है। नैनीताल-हल्द्वानी रूट पर भी ऐसी ही 25 बसों का संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही खास बात ये है कि देहरादून शहर में भी इलैक्ट्रिक बसों को चलाने की योजना चल रही है। स्कूली बच्चों की परेशानी को देखते हुए रोडवेज को इलैक्ट्रिक स्कूल बस चलाने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रों को महीने के किराए के आधार पर ये बसें देहरादून और आसपास के कस्बों में चलाई जाएंगी।