image: Search opration in kedarnath track

केदारनाथ ट्रैक पर फिर से नरकंकालों की तलाश, 5 IPS ऑफिसर की टीम रवाना हुई

केदारनाथ ट्रैक पर 2013 की आपदा के घाव आज भी नज़र आते हैं। इसी कड़ी में 5 IPS ऑफिसर्स की टीम नरकंकालों की तलाश में रवाना हो गई है।
Oct 12 2018 11:42AM, Writer:रश्मि पुनेठा

उत्तराखंड के जेहन से कभी भी साल 2013 की वो महात्रासदी नहीं मिटेगी। उस आपदा में कई परिवार बिखरकर रह गए। कई लोगों का अपनों से हमेशा के लिए साथ छूट गया। कई लोगों की जिन्दगी भर की पूंजी बह गई। कई आशियाने तिनकों की तरह पानी के उस विकलाल रुप में समा गए। वो त्रासदी इतनी भयानक थी कि उसके गुजर जाने के 5 साल बाद भी कई परिवारों को अपनों की तलाश है। एक बार सरकार की तरफ से मृतकों की तलाश केदार घाटी में की गई थी। उसके बावजूद कई लोग ऐसे रहे जिनका इन पांच सालों बाद भी कुछ पता नहीं चल सका है। ऐसे ही लापता लोगों की तलाश में सरकार की तरफ से एक बार फिर अभियान चलाया गया है। जिसमें केदारनाथ आपदा में मृत श्रद्धालुओं के नर कंकालों की तलाश एक बार फिर शुरू की गई है।

यह भी पढें - उत्तराखंड की लेडी सिंघम..बुर्का पहनकर दरगाह में मारा छापा, बेईमानों में मचा हड़कंप!
हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने पांच आईपीएस अफसरों के नेतृत्व में पांच टीमें बनाकर विभिन्न रूटों पर रवाना कर दी हैं। इन टीमों को अपना अभियान पूरा करने में रूट की लंबाई के लिहाज से दो से आठ दिन का वक्त लग सकते हैं। अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि 2013 में केदारधाम में आई आपदा के मृत श्रद्धालुओं के शवों (नर कंकालों) की एक फिर से व्यापक स्तर पर तलाश कराई जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब पांच टीमों का गठन किया गया है। कुमार ने बताया कि चमोली की पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट, रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक प्रहलाद मीणा, देहरादून के एसपी (यातायात) लोकेश्वर, आईपीएस मंजूनाथ, आईपीएस अजय सिंह के नेतृत्व में पांच टीमों का गठन किया गया है। जो केदारनाथ ट्रैक की व्यापक स्तर पर तलाशी लेगी।

यह भी पढें - उत्तराखंड में भीषण हादसा...गहरी खाई में गिरी गाड़ी, दो लोगों की मौत, दो गंभीर रूप से घायल
इनके साथ एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस के जवान भी शामिल होंगे। इन पांचों टीमों के लिए केदारधाम के अलग-अलग रूट निर्धारित किए गए हैं। सभी टीमें अभियान के लिए रवाना भी हो चुकी हैं। एडीजे ने बताया कि इस समय बारिश बंद हो चुकी है और बर्फबारी भी नहीं हो रही है। ऐसे में इस मौसम को उपयुक्त मानते हुए तलाश शुरू कराई गई है। ऐसे में ये टिमें अपना काम आसानी से पूरा कर सकेंगी। वही इस दौरान अगर कोई नरकंकाल मिलता है तो टीम के सदस्य उसका डीएनए सैंपल ले लेंगे। टीम के सदस्यों को इन नरकंकालों के अंतिम संस्कार का जिम्मा सौंपा गया है। साल 2013 में केदारनाथ घाटी में बारिश के दौरा आई आपदा कई लोगों को अपने साथ बहाकर ले गए थी। जिसके बाद लोगों का कहना था कि केदारघाटी के जंगलों में अभी भी उनके परिजनों के शव हो सकते है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस अभियान को शुरु किया गया है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home