देवभूमि के छोटे से गांव का बेटा, क्रिकेट की दुनिया में लगाई ऊंची छलांग..बन गया कप्तान
देवभूमि के छोटे से गांव के बच्चे ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि हर कोई उसे शाबाशी दे रहा है। अपनी मेहनत से इस बच्चे ने नई कहानी लिख डाली है।
Oct 18 2018 10:44AM, Writer:कपिल
ये बात सच है कि उत्तराखंड के गांव गांव में ऐसे शानदार क्रिकेटर हैं, जो बड़ा मंच मिलने पर बड़ा कमाल कर सकते हैं। कभी गांव में होने वाले टूर्नामेंट में चले जाइए, वास्तव में यहां आपको क्रिकेट की प्रतिभाएं नज़र आएंग। ऐसे ही एक छोटा सा बच्चा है दिव्यम रावत...जिसे उत्तराखंड की अंडर 16 टीम का कप्तान बनाया गया है। दिव्यम रावत पिथौरागढ़ के गणाईगंगोली के छोटे से गांव घोड़ासिला के रहने वाले हैं। इस बच्चे ने ऐसी प्रतिभा दिखाई कि आज उसे उत्तराखंड की अंडर 16 टीम का कप्तान चुना गया है। हाल ही में बीसीसीआई द्वारा प्रदेश में अलग अलग एज ग्रुप की टीमें तैयार करने के लिए कहा गया था। ये टीम नेशनल लेवल पर होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी। इन्हीं में से अंडर 16 टीम का कप्तान दिव्यम रावत को चुना गया है।
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जैसे ही घोड़ासिला गंव के लोगों को पता चला कि द्वयम रावत को प्रदेश की अंडर 16 टीम का कप्तान चुना गया है, तो गांव में मिठाइयां बंटने लगी, लोग खुशियां मनाने लगे। घोड़ासिला के प्रयाग सिंह रावत और राजेंद्री रावत के बेटे दिव्यम एक बेहतरीन बल्लेबाज है। फिलहाल दिव्यम 10वीं कक्षा के छात्र हैं और आर्यमान विक्रम बिरला स्कूल हल्द्वानी में पढ़ रहे हैं। बीते दिनों ही उत्तराखंड की अंडर 16 टीम के लिए सलेक्शन हुआ था। इसमें 25 बेहतरीन खिलाड़ियों को चुना गया था। प्रैक्टिस कैंप में ही दिव्यम रावत ने अपनी बल्लेबाजी से हर किसी को हैरान कर दिया। बीसीसीआई के चयनकर्ता दिव्यम के खेल से काफी प्रभावित हैं। दिव्यम सिर्फ एक बेहतरीन बल्लेबाज ही नहीं बल्कि एक शानदार कप्तान भी हैं। इस वजह से सलेक्टर्स ने दिव्म के नाम पर मुहर लगा दी।
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दिव्यम के पिता प्रयाग सिंह रावत राजकीय इंटर कॉलेज पिल्खी में प्रधानाचार्य हैं। इसके अलावा उनकी मां मां राजेंद्री रावत हल्द्वानी के हिम्मतपुर मल्ला सरकारी जूनियर हाईस्कूल में अध्यापिका हैं। मां-पिता ने हमेशा ही दिव्यम का साथ दिया और आज दिव्यम इस मुकाम पर हैं कि उन्हें उत्तराखंड की अंडर 16 टीम का कप्तान चुना गया है। गणाईगंगोली के लोगों ने दिव्यम की इस उपलब्धि पर मिठाई बांटी और आतिशबाजी की। इसके अलावा स्थानीय विधायक मीना गंगोला ने भी दिव्यम की उपलब्धि पर खुशी जताई है। कुल मिलाकर कहें तो वास्तव में असली हुनर उत्तराखंड के उन गांवों में छुपा है, जो बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बेकरार है। दिव्यम के कप्तान बनने पर राज्य समीक्षा की टीम की तरफ से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं।