उत्तराखंड निकाय चुनाव: इंदिरा हृदयेश के बेटे की राजनीति में एंट्री, मेयर का चुनाव लड़ेंगे
उत्तराखंड निकाय चुनाव में सभी की नज़रें कांग्रेस की दिग्गज नेता इंदिरा हृदयेश के बेटे समित हृदयेश पर भी नज़रें होंगी। उनके बारे मेंं जानिए।
Oct 22 2018 10:54AM, Writer:कपिल
उत्तराखंड निकाय चुनाव के संग्राम में कांग्रेस ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गई और इनमें से एक नाम निकलकर आया सुमित हृदयेश। सुमित हृदयेश एक राजनैतिक रसूख वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी मां इंदिरा हृदयेश डॉ. इंदिरा हृदयेश उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और कांग्रेस की कद्दावर नेता हैं। निकाय चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही सुमित हृदयेश पर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है। सुमित इस बार नगर निगम हल्द्वानी से मेयर पद के लिए कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि सुमित के लिए ये डगर इतनी आसान भी नहीं है क्योंकि उनके सामने बीजेपी प्रत्याशी और निवर्तमान मेयर डॉ. जोगेन्द्र रौतेला हैं। राजनैतिक पंडितों की मानें तो ये मुकाबला काफी रोचक रहने वाला है।
यह भी पढें - उत्तराखंड निकाय चुनाव: कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान, नेताओं के बीच मारपीट
इससे पहले डॉ. जोगेन्द्र रौतेला विधानसभा चुनाव में समुति की मां डॉ. इंदिरा हृदयेश को कड़ी टक्कर दे चुके हैं। हालांकि उस वक्त रौतेला को हार का मुंह देखना पड़ा था। अब इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित डॉ. रौतेला के सामने खड़े हैं इसलिए कांग्रेस के लिए ये लड़ाई प्रतिष्ठा की भी है। बीजेपी ने तो तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए हल्द्वानी नगर निगम के लिए जोगेंद्र रौतेला पर दांव खेला लेकिन लेकिन सुमित हृदयेश के लिए राह ज़रा मुश्किल थी। पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री अब्दुल मतीन सिद्दीकी, सुहेल अहमद सिद्दीकी के अलावा कांग्रेस महामंत्री खजान पांडे के नामांकन फॉर्म खरीदने से कांग्रेस के अंदरखाने तापमान बढ़ गया था। आखिरकार तमाम कयासों को दरकिनार किा गया और नेता प्रतिपक्ष की जोरदार पैरवी से सुमित का पलड़ा भारी पड़ा। सुमित के नाम पर ही मुहर लगी और उनकी राजनीति में एंट्री हो गई।
यह भी पढें - उत्तराखंड निकाय चुनाव: क्या देहरादून का दिल जीतेंगे सुनील उनियाल गामा? जानिए
विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने डॉ. जोगेन्द्र रौतेला पर भरोसा किया था। कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिर हृदयेश के खिलाफ उन्होंने चुनाव मैदान में ताल ठोंकी थी। मुकाबला तो जोरदार रहा था। लेकिन मजबूत जनाधार होने के चलते इंदिरा हृदयेश वो चुनाव जीत गईं थीं। सिर्फ 6557वोटों से इंदिरा हृदयेश को जीत हासिल हुई थी। हालांकि उस दौरान मोदी लहर के चलते बीजेपी ने उत्तराखंड में क्लीन स्वीप किया था और 70 सीेटों में 57 पर कब्जा जमाया था। अब डॉ. जौगेंद्र रौतेला फिर से चुनाव मैदान में हैं और सामने नेता प्रतिपक्ष के बेटे सुमित हृदयेश हैं। ज़ाहिर सी बात है कि मुकाबला दिलचस्प होगा और खासतौर पर कांग्रेस के लिए ये प्रतिष्ठा का सवाल है। देखते हैं कि आगे आने वाला वक्त क्या नई कहानी लिखता है।