पहाड़ की बेटी...खेती-बाड़ी भी की और टॉपर भी बनी, मेहनत के दम पर पेश की मिसाल
पहाड़ की प्रतिभाशाली बेटियों के बारे में हम आपको लगातार जानकारी देते रहते हैं। आज ऐसी एक बेटी की कहानी पढ़िए, जो बेहद गरीब घर से है लेकिन टॉपर बनी थी।
Nov 1 2018 2:36PM, Writer:रश्मि पुनेठा
पहाड़ की बेटी...जी हां वो ही बेटी जिसमें पूरा पहाड़ बसता है। मुश्किलों का पहाड़, मेहनत का पहाड़ और असुविधाओं का पहाड़। इन सबसे बाद भी खेती-बाड़ी करने वाली एक बेटी ने अपने जिले के सरकारी स्कूलों की लाज बचाई थी। ये ज्यादा पुरानी नहीं बल्कि इसी साल की बात है, जब बोर्ड परीक्षाओं में कुमारी सोनिका ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया था। रुद्रप्रयाग जिले के उषाड़ा गांव की बेटी हैं कुमारी सोनिका। गरीब घर की इस बेटी पर आपको इसलिए गर्व होगा, क्योंकि इस बेटी ने वास्तव में एक मिसाल पेश की थी। इस बेटी को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं करनी पड़ती। खेतों में जाना पड़ता है, घरेलू काम-काज करना पड़ता है, गाय-भैंसों को घास-चारा देना होता है और ना जाने कितने कामों के बीच से पढ़ाई के लिए थोड़ा सा वक्त निकाल पाती है।यह भी पढें - उत्तराखंड का टॉपर बेटा, बिना ट्यूशन गए रच दिया इतिहास, गणित में 100 में से 100
जब इस साल बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट आए थे तो इस बेटी ने अपने जिले में सरकारी स्कूलों की लाज बचाई थी। कुमारी सोनिका, रुद्रप्रय़ाग जिले के सरकारी स्कूलों की एकमात्र छात्रा हैं, जिन्होंने हाईस्कूल के रिजल्ट में मेरिट लिस्ट में जगह पाई थी। गांवों में ही पूरा उत्तराखंड बसता है और सोनिका ने ये बात साबित भी की है। राजकीय इंटर कॉलेज दैड़ा की इस प्रतिभावान छात्रा ने 93.60 प्रतिशत अंकों के साथ मेरिट लिस्ट में अपना नाम दर्ज किया था । बड़ी मुश्किल से ये बेटी अपनी पढ़ाई के लिए वक्त जुटा पाती है। सोनिका के मुताबिक उसे और भी पढ़ना है, आगे बढ़ना है। ये भी सच है कि सुदूर पहाड़ों में ऐसे हुनर को आगे नहीं बढ़ने दिया जाता। कभी गरीबी इसकी वजह बन जाती है और कभी समाज ही इसकी वजह बन जाता है। यह भी पढें - रुद्रप्रयाग के आपदाग्रस्त गांव का बेटा, बिना ट्यूशन गए बना उत्तराखंड का टॉपर
प्रतिभाशाली बेटी सोनिका को खुद रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी सम्मानित किया था। डीएम मंगेश घिल्डियाल खुद शिक्षा को लेकर काफी जागरूक हैं। ये संयोग ही कहा जाएगा कि बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिले में मंगेश घिल्डियाल ने अपनी सेवाएं दी और इस बार इन्हीं दो जिलों से उत्तराखंड के सबसे ज्यादा छात्रों ने बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल नंबर हासिल किए थे। मंगेश घिल्डियाल जानते हैं कि ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित करना सबसे बड़ा काम है। सोनिका से हम बस इतना ही कहेंगे कि शाबाश बेटी...आगे बढ़िए और उस सोच को बदलने का काम कीजिए। क्योंकि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। आगे भी आपको मेरिट लिस्ट में जगह बनानी है और अपने जिले का नाम रोशन करना है।