पहाड़ के इस गांव में आज़ादी के बाद पहली बार पहुंचा कोई डीएम, पढ़िए ये अच्छी खबर
उत्तराखंड में इस वक्त कुछ जिलाधिकारी ऐसे भी हैं, जो अपने कामों से जनता के दिलों में अलग ही जगह बना रहे हैं। ऐसे ही डीएम हैं डॉक्टर आशीष चौहान।
Nov 3 2018 11:23AM, Writer:आदिशा
पहाड़ के हर जिले में ऐसे जिलाधिकारी हों, तो तस्वीर भी बदलेगी और तकदीर भी बदलेगी। कहते हैं कि किसी भी जिले के विकास की कड़ी कहलाते हैं जिलाधिकारी। ऊंचे पद पर बैठे इन अधिकारियों की कार्यशैली पर कभी सवाल उठे, तो कभी खुलकर तारीफ भी हुई। जिनकी तारीफ हुई, वो समाज के लिए मिसाल बने और इन्हीं में से एक हैं उत्तरकाशी जिले के डीएम डॉक्टर आशीष चौहान। स्थानीय लोगों के लिए ये जिलाधिकारी एक प्रेरणास्रोत बन गया है। लोग मुश्किल में फंसे हो, तो जिलाधिकारी बिना वक्त गंवाए वहां पहुंच जाते हैं। जिले में शिक्षा से लेकर विकास के कामों पर आशीष चौहान की तेज़ निगाहें रहती हैं। हाल ही में आशीष चौहान एक ऐसे गांव में पहुंचे, जहां आज़ादी के बाद से कोई जिलाधिकारी गया ही नहीं था।
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जी हां उत्तरकाशी के विकास खण्ड मोरी के अंतर्गत सीमांत गांव पड़ते हैं लिवाड़ी और फिताड़ी। इन गावों में क्या चल रहा है ? लोग कैसे जी रहे हैं ? किन परेशानियों का सामना कर रहे हैं? ये देखने के लिए कभी भी धरातल पर कोई डीएम नहीं आया। आजादी के 70 सालों के बाद इन गावों में कोई जिलाधिकारी आया, तो गांव वालों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी। डीएम आशीष चौहान ने 31 अक्तूबर को फिताडी गाँव में बलबीर राणा के घर पर रात बिताई और लोगों की परेशानियों का हल निकालने के लिए हर प्रकार से कोशिश करने का वादा किया।इसके बाद अगले दिन उन्होंने फिताडी गाँव में शिविर लगाया और जनता से रूबरू हुए। ज्यादातर लोगों की परेशानी का मौके पर ही समाधान किया गया। इसके बाद 4 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई और पगडंडियों के सहारे डीएम लिवाड़ी गांव पहुंचे।
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जिलाधिकारी आशीष चौहान पहले जिला अधिकारी हैं जो आजादी के बाद लिवाडी गांव पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने लोगों की परेशानियां सुनीं। गरीब परिवारों के लिए कंबल वितरित किए गए। किसी ने पेंशन ना मिलने की दुखभरी कहानी सुनाई, किसी ने राशन न पहुंचने की शिकायत की, किसी ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी बताई, किसी ने बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी। पानी, बिजली और मूलभूत परेशानियों से संबंधित कई शिकायतें डीएम के सामने रखी गई। महिलाओं ने क्षेत्र में बढ़ रहे नशे के के जहर की जानकारी दी। इसके बाद डीएम आशीष चौहान ने स्कूलों का भी निरीक्षण किया। विकास कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की भी जमकर क्लास लगाई किया। वास्तव में ऐसे जिलाधिकारी ना सिर्फ पहाड़ के लिए जरूरी हैं बल्कि देशभर के जिलाधिकारियों के लिए एक मिसाल भी हैं।