बड़ी खबर: कोटद्वार का नाम बदलेगा, नया नाम भी जान लीजिए
खबर है कि गढ़वाल के द्वार कोटद्वार का नाम बदलने को लेकर नगर निगम की तरफ से प्रस्ताव पास हुआ है।
Dec 19 2018 11:44AM, Writer:स्वाति
देवभूमि के गढ़वाल का द्वार कहे जाने वाले कोटद्वार का नाम बदलने की प्रकिया शुरू हो चुकी है। कोटद्वार नगम निगम बोर्ड ने शहर का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित कर शासन को भेज दिया है। और ये कोटद्वार निगम का पहला फैसला है जो उन्होंने स्वंय लिया है। बता दें कोटद्वार के नाम को वहां के कण्वाश्रम के साथ जोड़ने का फैसला लिया गया है। जिसके बाद कोटद्वार का नया नाम 'कण्वनगरी कोटद्वार' होगा।
एक वेबसाइट में छपी खबर के मुताबिक, कोटद्वार का नाम बदले जाने का प्रस्ताव नगर निगम ने पारित कर दिया है। और प्रस्ताव पारित होने के साथ ही उत्तराखंड के बाकी अन्य शहरों के नाम भी बदलने की प्रकिया शुरु कर दी गई है। हालांकि कोटद्वार का नाम बदला जाएगा इसपर सिर्फ नगर निगम की मुहर लगी है और प्रस्ताव को पास करना या ना करना शासन के हाथ में है।
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कोटद्वार शहर का इतिहास
खो नदी के समीप बसा कोटद्वार शहर जितना सुंदर है उतना ही सुंदर इसका इतिहास है। इसे गढ़वाल का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। कोटद्वार सीमा से दुगड्डा होते हुए लैंसडॉन भी पहुंचा जाता है। जिसे फौजियों की छावनी भी कहा जाता है। कोटद्वार शहर एक ऐतिहासिक शहर है, खासतौर पर यहां की पहचान है कण्वाश्रम जो किसी ऐतिहासिक धरोहर से कम नहीं। वेद औऱ पुराणों पर नजर डाले तो मालिनी नदी का जिक्र होता है। जो आज भी कोटद्वार में बह रही है और बहुत बड़े क्षेत्र में सिंचाई के लिए मददगार साबित हो रही है। बताया जाता है कि, पौराणिक काल में मालिनी नदी के दोनों तरफ विश्वविख्यात विद्यापीठ थे। जहां उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए देश-दुनिया से लोग आते थे। कण्वाश्रम का जिक्र चारों वेदों में भी किया गया है। कण्वाश्रम के नाम से कोटद्वार शहर का नाम 'कण्वनगरी कोटद्वार' होगा। फिलहाल खबरें तो यही हैं फिर देखना होगा आगे क्या होता है ...