जन्मदिन स्पेशल: जानिए त्रिवेंद्र के वो काम, जो उन्हें नेताओं की भीड़ से अलग खड़ा करते हैं
किसान परिवार में जन्मे और पूर्व में कृषि मंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत का आज जन्मदिन है... इस मौके पर वरिष्ट लेखक सतीश लखेड़ा का ये लेख पढ़िए...
Dec 20 2018 11:37AM, Writer:सतीश लखेड़ा
उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुछ मामलों में अन्य राजनेताओं से अलग है। अनेक राजनेता अपनी छवि निर्माण के लिए नए-नए नारे, लुभावने वायदे और सुनियोजित प्रशंसा अभियान चलाते हैं और चलाते रहे हैं। इन सबके विपरीत त्रिवेंद्र सिंह रावत 'जीरो टॉलरेंस' के सूत्र वाक्य के साथ लगभग डेढ़ वर्ष से राज्य की सत्ता का संचालन कर रहे हैं।
केंद्र की तरह ही राज्य सरकार का बेदाग कार्यकाल उन्हें भ्रष्टाचार के विरोध में चट्टान की तरह खड़ा करता है। रावत और उनकी कैबिनेट का कार्यकाल निःसंदेह भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के नाम जाता है। जहां पिछली कांग्रेस सरकार में खुलेआम अवैध तरीके से राजनीतिक संरक्षण में खनन करके नदियों को छलनी कर दिया गया, डेनिश नाम के ब्रांड को इस तरह प्रचार और संरक्षण दिया गया मानो वह राज्य सरकार द्वारा जनहित में तैयार कोई उत्पाद हो। ट्रांसफर-पोस्टिंग एक उद्योग का रूप ले चुका था। जो कि पिछले डेढ़ सालों में बंद हुआ है।
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स्वयं किसान परिवार में जन्मे और पूर्व में कृषि मंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत जब सुदूर चमोली जिले के घेस गांव में जाकर मटर के उत्पादकों को प्रोत्साहित करते हैं और वहां की जलवायु को सेब की खेती के अनुकूल पाकर किसानों को सेब के लिए प्रोत्साहित करते हैं, तो जनता को अपने बीच का व्यक्ति सत्ता के सिंहासन में दिखाई देता है। उत्तराखंड भौगोलिक रूप से विषम परिस्थितियों वाला राज्य है। बरसात में पहाड़ों में भूस्खलन और तराई में बाढ़ से निपटने में जिस तरह खुद प्रबन्धन की कमान अपने हाथों में लेकर त्रिवेंद्र सिंह रावत दिखाई दिये, यह उनकी कार्य के प्रति तत्परता साबित करती थी और राहत अभियान में लगी पूरी टीम का मनोबल बढ़ाती दिखती थी।
अनेक अवसरों पर उनके व्यवहार को निशाना भी बनाया गया किंतु इन अठारह वर्षों में राज्य की नौकरशाही से लेकर सभी क्षेत्रों में आई शिथिलता और अकर्मण्यता के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक नई कार्य संस्कृति तैयार करने की इच्छा शक्ति दिखाई है। संघ के विचार से पोषित रावत ने कार्यशैली की एक अलग रेखा खींची है। हाल ही में राज्य में रोजगार और आर्थिकी के मोर्चे को सुदृढ़ करने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली में आयोजित किए गए रोड शो और उसके पश्चात देहरादून प्रधानमंत्री की उपस्थिति में आयोजित किया गया विशाल इन्वेस्टर सम्मिट जिसने राज्य में निवेश की नई उम्मीदें जगाई है।
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पटरी से उतरी व्यवस्था को पुनः सुचारू करने के लिए अनेक कड़े फैसले लेने होते हैं और सिस्टम को संदेश देना होता है। इसी जीरो टॉलरेंस के तहत कांग्रेस कार्यकाल में उधमसिंह नगर में 'राष्ट्रीय राजमार्ग भूमि घोटाले' पर बिना देरी किए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने का साहस जुटाकर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने अड़ियल कहे जाने वाले व्यवहार को जनहित में उपयोग किया और उन्हें वाहवाही भी मिली। आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्मदिन है... उन्हैं यशस्वी कार्यकाल और दीर्घायु जीवन की कामना।
- सतीश लखेड़ा