उत्तराखंड में रेप के आरोपियों को मिलेगी सख्त सजा, जल्द होगा फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन
उत्तराखंड में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। दुष्कर्म के मामलों के निपटारे के लिए फा्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हो रहा है।
Dec 31 2018 7:04AM, Writer:कोमल
महिलाओं पर अत्याचार करने वालों की अब खैर नहीं है। प्रदेश सरकार महिलाओं से दुष्कर्म के मामलों के निपटारे के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर सकती है। फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होने के बाद दुष्कर्म संबंधी मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द हो सकेगी। इससे दोषियों को जल्द सजा मिलेगी, साथ ही पीड़िताओं को भी इंसाफ के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सूत्रों की मानें तो जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, उन्हें देखकर लगता है कि मुख्यमंत्री इस मामले को लेकर गंभीर हैं। सरकार सूबे में फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सूबे में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कुछ दिन पहले पौड़ी में सिरफिरे ने छात्रा पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी थी तो वहीं 25 दिसंबर को कर्णप्रयाग में डोर टू डोर कचरा उठाने वाले 3 युवकों ने छात्रा के साथ गैंगरेप किया।
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मामले को लेकर कर्णप्रयाग के लोगों में गुस्सा है। लोग आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। महिलाओं के साथ दुष्कर्म के बढ़ते मामलों ने सूबे की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अपराधी बेखौफ हैं तो वहीं पीड़िताएं इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है। दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सरकार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का भी लगातार दबाव बन रहा है। मामले की गंभीरता को समझते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मीडिया से हुई बातचीत में उन्होंने प्रदेश में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने के संकेत दिए हैं। देखना है कि आगे इस मामले में क्या होता है। उत्तराखंड में 2016 में 335 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए, 2017 में 390 और 2018 में 488 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए।