उत्तराखंड के दो जिंदादिल अधिकारी अब एक ही जिले में आ गए, फिर दोहराएंगे इतिहास
चलिए आज आपको उत्तराखंड के दो ऐसे शेरदिल अधिकारियों के बारे में बताते हैं, जो एक बार फिर से साथ आ गए हैं। तो क्या हरिद्वार की नैनीताल की कहानी दोहराएगा ?
Jan 9 2019 1:19PM, Writer:कोमल
दोस्ती...ज़िदगीभर का एक रिश्ता, एक सच्चा दोस्त ही जानता है उसके दोस्त की जरूरतें क्या हैं। यूं ही सच्चे दोस्त को सुख दुख का साथी नहीं कहते। ये कहावत उत्तराखंड के दो बड़े और चर्चित अधिकारियों पर फिट बैठती है। ये दो नाम आज पहचान के मोहताज नहीं हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं, हरिद्वार के डीएम दीपक रावत और एसएसपी जनिमेजय खंडूरी की। खास बात ये है कि दोनों अफसरों की आपस में खूब बनती है। ये दोनों ही अधिकारी हरिद्वार से पहले नैनीताल जिले में साथ में काम कर चुके हैं। अब एक बार फिर से दोनों की जोड़ी हरिद्वार में है। जरा दोनों अफसरों की जुगलबंदी के बारे में भी जान लीजिए। उत्तराखंड में आज कुछ ऐसे जिलाधिकारी और पुलिस अफसर हैं, जिनका नाम सुनते ही अपराधियों के पसीने छूट जाते हैं। वो नाम है दीपक रावत और जन्मेजय खंडूरी।
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डीएम दीपक रावत 2017 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले जिलाधिकारी रहे थे।
एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी और डीएम दीपक रावत ऐसे अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में माओवादी नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया। 50 हजार के इनामी माओवादी देवेंद्र चम्याल और भगवती भोज को अरेस्ट करने में जन्मेजय खंडूरी की अहम भूमिका रही थी। वहीं दीपक रावत की बात करें तो भ्रष्टाचारियों की नाक में उन्होंने अभी तक दम किया हुआ है। आज भी ये दोनों अफसर कहीं मिलते हैं, तो दोनों के बीच संगीत प्रेम भी खूब देखने को मिलता। दोनों अफसरों ने एक साथ मंच साझा कर एक से बढ़कर एक गीत गाकर लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। अब एक बार फिर दोनों की यही जुगलबंदी हरिद्वार में भी देखने को मिल सकती है।