उत्तराखंडी इत्र से महकेगी दुनिया, देहरादून में लगेगी फैक्ट्री..रोजगार का सुनहरा मौका
लगातार नए आयामों को छूता उत्तराखंड अब नई दिशा की तरफ जा रहा है। आप भी पढ़िए ये अच्छी खबर
Jan 10 2019 4:45AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में सगंध खेती (सुगंध देने वाले पौधे) के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार भी सगंध खेती को बढ़ावा देने के लिए नई-नई योजनाएं ला रही है, ताकि किसानों को सगंध खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसी कड़ी में सरकार ने देवभूमि में इत्र फैक्ट्री लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत नौ करोड़ रुपये का बजट मिला है। सरकार की कोशिशें रंग लाईं तो जल्द ही उत्तराखंड के पहाड़ी फूलों की महक दुनिया को महकाएगी। सेलाकुई के सगंध पौधा केंद्र में इत्र फैक्ट्री लगाने की कवायद शुरू हो गई है। फैक्ट्री में तैयार परफ्यूम और सेंटेड ऑयल दूसरे देशों में भी एक्सपोर्ट किए जाएंगे। इत्र फैक्ट्री बनने से सगंध खेती को बढ़ावा मिलेगा। बेरोजगारी के साथ ही पलायन में कमी आएगी।
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प्रदेश में किसान खेती से मुंह मोड़ रहे हैं, खेती की जमीन में कमी आई है। जिसका सीधा असर किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है। इत्र निर्माण से सगंध खेती को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में फिलहाल लेमनग्रास, पामारोजा, मिंट, तुलसी, गुलाब जैसी फसलों का हाइड्रो स्टीम डिस्टिलेशन (आसवन सयंत्र) से तेल निकाला जा रहा है। इस वक्त राज्य के 18 हजार से ज्यादा किसान सगंध खेती से जुड़े हुए हैं। राज्य में बनने वाले सुगंधित तेल अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर भी खरे उतरे हैं। यही वजह है कि राज्य सरकार ने सूबे में इत्र फैक्ट्री स्थापित करने का फैसला लिया है। सगंध पौधा केंद्र में लगभग 15 बीघा जमीन पर इत्र फैक्ट्री की स्थापना की जाएगी। कुल मिलाकर कहें तो उत्तराखंड में रोजगार बढ़ाने और पलायन रोकने के लिए ये एक अच्छी खबर है।