जनरल रावत का आदेश, एक्शन में इंडियन आर्मी...आतंक मुक्त जिला बना बारामूला
कश्मीर में भारतीय सेना अब आतंकियों को खुलकर जवाब दे रही है। जनरल बिपिन रावत के आदेश के बाद बारामूला में भारतीय सेना ने कमाल कर दिया।
Jan 24 2019 6:51AM, Writer:आदिशा
कश्मीर घाटी का बारामूला जिला...जिसे कभी हिज्बुल का गढ़ कहा जाता था। आतंकियों ने इस जिले के बच्चे बच्चे के हाथ में पत्थर और बंदूकें पकड़ा दी थी। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत जानते थे कि अगर कश्मीर से आतंक का सफाया करना है, तो सबसे पहले इस जिले को आतंकियों से मुक्त करना होगा। बारामूला में अब तक एक नहीं सैकड़ों आतंकी मारे गए हैं। सेना ने अब इस जिले को आतंक के दंश से मुक्त करा लिया है। बारामूला को कश्मीर घाटी का पहला ऐसा जिला घोषित किया गया है, जहां अब कोई भी आतंकी मौजूद नहीं है। आपको बता दें कि बुद्धवार को ही बारामूला में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। बारामूला जिले के साफियाबाद में भारतीय सेना और सीआरपीएफ के एक जॉइंट ऑपरेशन में 3 लश्कर आतंकियों को मार गिराया गया। मारे गए आतंकियों के पास से सेना ने 3 एके-47 राइफल जब्त की थी।
यह भी पढें - उत्तराखंड का वीर सपूत, चीन-पाकिस्तान के इरादे नाकाम करने वाला जांबाज अफसर!
ऑपरेशन के दौरान सेना की 46 राष्ट्रीय राइफल्स, 4 पैरा फोर्सेज, एसओजी और सीआरपीएफ के जवान मौजूद रहे। मारे गए आतंकियों पर बारामूला में ग्रेनेड अटैक करने और 3 स्थानीय युवकों की हत्या का आरोप था। इन आतंकियों के खात्मे के साथ ही बारामूला में सक्रिय सभी आतंकियों का अंत कर दिया गया, जिसके बाद इसे घाटी का पहला आतंक मुक्त जिला घोषित किया गया है। इससे पहले बारामूला लंबे वक्त से आतंक प्रभावित जिले के रूप में जाना जाता था। बारामूला के सोपोर इलाके में पहले भी कई बार आतंकियों से भारतीय सेना की मुठभेड़ हो चुकी है। इससे पहले जनरल बिपिन रावत के आदेश पर ऑपरेशन ऑल आउट चलाया गया था। इस दौरान भी सेना की राष्ट्रीय राइफल्स ने बारामूला के अलग-अलग गावों में कई आतंकियों का अंत किया था। यहां आपको बता दें कि बारामूला जिले में ही साल 2016 में आतंकियों ने उड़ी स्थित के सेना के बेस कैंप पर हमला किया था। हमले में सेना के 16 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद ही सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों का अंत किया था।