पहाड़ के कमांडर नौटियाल ने उत्तराखंड का बढ़ाया मान, युद्धपोत प्रियदर्शनी को किया कमीशन
युद्धपोत प्रियदर्शनी को कमीशन करने वाले कमांडर केआर नौटियाल उत्तराखंड निवासी हैं...इसके साथ ही उत्तराखंड के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है जो कि बेहद खास है।
Apr 27 2019 3:33PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ के लोगों पर केंद्र ने हमेशा से भरोसा जताया है, यही वजह है कि पहाड़ के सपूत केंद्र और सेना में अहम पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं...अब इनमें भारतीय तटरक्षक बल की पूर्वी सीमा के कमांडर केआर नौटियाल का नाम भी शामिल हो गया है। युद्धपोत प्रियदर्शनी को कमीशन करने वाले कमांडर केआर नौटियाल उत्तराखंड निवासी हैं। उनकी इस उपलब्धि से उत्तराखंड का मान बढ़ा है। मूलरूप से पहाड़ क रहने वाले कमांडर केआर नौटियाल तटरक्षक बल के तीन स्टार स्तर के दूसरे अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी उपलब्धि से प्रदेश को गौरवान्वित किया है। जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती हाजा निवासी कृपा राम नौटियाल जौनसार-बावर के दूसरे बड़े अधिकारी हैं। इससे पहले जौनसारी मूल के राजेंद्र सिंह तोमर महानिदेशक भारतीय तटरक्षक बल की बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यही नहीं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, RAW प्रमुख अनिल धस्माना, डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) अनिल भट्ट, भारतीय तटरक्षक बल के प्रमुख राजेंद्र सिंह सभी उत्तराखंड से हैं।
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इनके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भास्कर खुलबे, भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी, सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी जैसे कई अधिकारी उत्तराखंड से ही हैं जो इस समय भारत सरकार में अहम जिम्मेदारियों वाले पदों पर तैनात हैं। बता दें कि भारतीय तटरक्षक बल अपनी स्थापना के समय मात्र पांच जहाजों के साथ शुरुआत करते हुए 141 जहाजों एवं 62 विमान के साथ दुनिया के चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में उभरा है। जौनसारी मूल के महानिदेशक कोस्टगार्ड राजेंद्र तोमर के बाद केआर नौटियाल भारतीय तटरक्षक बल में दूसरे सबसे बड़े अफसर बने। ये पहाड़ के लिए बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पूर्वी समुद्र तट के नए कमांडर केआर नौटियाल ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े हैं। कमांडर केआर नौटियाल ने 5वीं तक की पढ़ाई हाजा गांव में की, जबकि आठवीं की पढ़ाई राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय कालसी से की। उन्होंने रामपुर से हाईस्कूल तक की पढ़ाई करने के बाद स्नातक तक की पढ़ाई डीएवी कॉलेज से की। इन दिनों उन्हें और उनके परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है, उत्तराखंड के युवाओं के लिए उन्होंने आदर्श स्थापित किया है। इससे उन युवाओं के सपनों को भी पंख लगेंगे जो कि विपरित हालात में भी सेना में अफसर बनने का सपना देख रहे हैं...और इसे सच कर दिखाने की कोशिश में जुटे हैं।