पहाड़ में भारतीय सेना ने ढूंढे हिममानव के पैरों के निशान.ट्विटर पर शेयर की तस्वीरें
भारतीय सेना ने रहस्यमय जीव येती के पैरों के निशान वाली तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं।
May 1 2019 5:27PM, Writer:आदिशा
जब से मानव सभ्यता विकसित हुई है, तब से हम हिममानवों के बारे में सुनते आए हैं...हिममानव...एक ऐसा जीव जो रहस्यमयी है और इसे देखने के दावे अब तक कई बार किए जा चुके हैं। कहीं इसे येती कहा जाता है, तो वहीं पश्चिम में इसे बिग फुट नाम दिया गया...येती के अस्तित्व को लेकर कई दावे किए जा चुके हैं, बिग फुट पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं, और अब तो खुद इंडियन आर्मी ने ऐसे संकेत दिए हैं कि येती कोई काल्पनिक जीव नहीं है...बल्कि वीरान पहाड़ों में सचमुच येती की प्रजाति रहती है। भारतीय सेना ने हाल ही में ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिसमें बर्फ में बने बड़े-बड़े पैरों की आकृतियां नजर आ रही हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि ये निशान हिममानव येती के हो सकते हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि खुद भारतीय आर्मी ने येती की मौजूदगी को लेकर पुख्ता सबूत पेश किए हैं। आइए इस बारे में आपको कुछ खास बातें बता देते हैं।
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सेना के जन सूचना विभाग की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि 'पहली बार भारतीय सेना की एक पर्वतारोही टीम ने नेपाल के मकालू बेस कैंप के करीब 32x15 इंच वाले रहस्यमयी हिममानव 'येती' के पैरों के निशान देखे हैं। ये मायावी स्नोमैन इससे पहले केवल मकालू-बरुन नेशनल पार्क में देखा गया है।'
रहस्यमयी प्राणी येती को लेकर अब तक कई दावे किए जाते रहे हैं। लद्दाख के कुछ बौद्ध मठों ने दावा किया था कि हिममानव 'येती' उन्होंने भी देखे हैं। यही नहीं वहां के ग्रामीण भी येती के अस्तित्व की बात स्वीकारते हैं। कहा जाता है कि येती की शक्ल बंदरों जैसी होती है, लेकिन ये इंसानों की तरह दो पैरों पर चलते हैं। कई पर्वतारोही भी ये दावे कर चुके हैं कि उन्होंने हिममानव देखे हैं, कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं, हालांकि येती के अस्तित्व को लेकर अब भी वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं। ऐसे में इंडियन आर्मी ने जो तस्वीरें पेश की हैं उससे येती के अस्तित्व को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।
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देवभूमि का वो पवित्र झरना, जिसके पानी की बूंद पापियों के शरीर पर नहीं गिरतीउधर कई दुर्गम चोटियां फतह कर चुके जाने-माने फोटोग्राफर पर्वतारोही पद्मश्री अनूप साह का मानना है कि येति केवल काल्पनिक प्राणी है। उन्होंने कहा कि हिमालयी भालू भी कई बार दो पैरों पर चलते हैं, जिस वजह से बर्फ पर उनके कदमों के निशान बन जाते हैं। बर्फ पिघलने पर ये निशान विशाल पैरों के निशान जैसे लगने लगते हैं। कई बार ऐसा हो चुका है कि उनके साथी पर्वतारोहियों ने दो पैरों पर चल रहे हिमालयी भालू को येति समझ लिया था, लेकिन बाद में पता चला कि ये हिमालयी भालू था। अनूप साह कहते हैं कि हिमालय में चारों तरफ फैली बर्फ की वजह से कई बार हैल्युसिनेशन (मतिभ्रम) के कारण भी किसी विचित्र जीव की उपस्थिति का अहसास होता है। हम जिस दौर में रह रहे हैं, वो सैटेलाइट सर्विलांस का दौर है। दुनिया के चप्पे-चप्पे पर वैज्ञानिकों की नजर है, इसके बावजूद हिममानव की कोई विश्वसनीय तस्वीर उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि हिममानव के अस्तित्व पर विश्वास नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि भारतीय सेना की पर्वतारोहण टीम ने 9 अप्रैल को मकालू बेस कैंप के नजदीक हिममानव ‘येति’ के 32 व 15 इंच के रहस्यमय पैरों के निशान देखे थे।