देवभूमि के नौजवान पर्वतारोही का निधन…भारतीय सेना की कुमाऊं स्काउट में तैनात थे
देवभूमि के पर्वतारोही की बर्फ में दबने से मौत, मरने से पहले फतह की दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी, लौटते वक्त हादसे में तोड़ा दम
May 18 2019 5:53PM, Writer:कोमल नेगी
अभी दो दिन पहले ही सोर घाटी पिथौरागढ़ की रहने वाली पर्वतारोही शीतल राज ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह किया था, बेटी की इस कामयाबी पर ये सीमांत प्रांत खुशी मना ही रहा था कि अचानक एक दुख भरी खबर आ गई। पिथौरागढ़ के एक पर्वतारोही की दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी मकालु से उतरने के दौरान हुए हादसे में मौत हो गई। ये खबर बेहद दर्दनाक होने के साथ ही दिल तोड़ने वाली है। मृतक पर्वतारोही का नाम नारायण सिंह परिहार था, उनकी उम्र महज 35 साल थी...अभी उन्हें ना जाने कितने विजय अभियानों पर निकलना था, लेकिन एक हादसे ने उन्हें पहाड़ से हमेशा के लिए दूर कर दिया। नारायण सिंह भारतीय सेना की कुमाऊं स्काउट में तैनात थे। ये दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब वो मकालु चोटी जो कि दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी है, पर जीत हासिल कर लौट रहे थे।
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बताया जा रहा है कि चोटी से उतरते वक्त वो बर्फ में दब गए, जिस वजह से उनकी मौत हो गई। पर्वतारोही की मौत की खबर जैसे ही उनके गृह क्षेत्र कनार में पहुंची, वहां कोहराम मच गया। पूरा क्षेत्र शोक में डूबा हुआ है। आपको बता दें कि भारतीय सेना का दल पिछले महीने नेपाल और तिब्बत को जोड़ने वाली पर्वत श्रृंखला मकालु में चढ़ने के लिए गया था। कनार गांव के नारायण सिंह परिहार भी इस दल का हिस्सा थे। ये दल 8485 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ने में सफल रहा। तीन दिन पहले चोटी पर जीत हासिल करने के बाद ये दल वापस लौट रहा था, दल के सभी सदस्य अलग-अलग कैंपों में थे। नारायण सिंह चौथे कैंप में रुके थे, तभी हिमस्खलन हुआ, और वो बर्फ में दब गए। नारायण अपने पीछे एक बेटा और दो बेटियां छोड़ गए हैं, उनकी मौत की खबर मिलने के बाद से सीमांत जिला शोक में डूबा हुआ है।