उत्तराखंड के करीब 80 हजार कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, त्रिवेंद्र कैबिनेट बढ़ाई पेंशन
त्रिवेंद्र सरकार मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों की पेंशन में अपनी हिस्सेदारी को 10 से बढ़ाकर 14 फीसद कर दिया है, सूबे के 80 हजार कर्मचारियों को बढ़ी हुई पेंशन का फायदा मिलेगा।
Jun 5 2019 3:59PM, Writer:कोमल नेगी
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद त्रिवेंद्र सरकार ने सूबे के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने बतौर नियोक्ता राष्ट्रीय पेंशन योजना में अपनी हिस्सेदारी को 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दिया है। सरकार का ये फैसला कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात है, क्योंकि उनकी पेंशन वृद्धि पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है। जो कर्मचारी साल 2005 के बाद नियुक्त हुए हैं, उन्हें पेंशन में हुई बढ़ोतरी का सीधा फायदा मिलेगा। सूबे के 80 हजार सरकारी कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे। ये फैसला सचिवालय में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने इस योजना को लेकर बीते जनवरी महीने में अधिसूचना जारी कर दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस पर अमल कर चुकी है और अब उत्तराखंड सरकार ने भी कर्मचारियों की पेंशन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार की ही तर्ज पर ये फैसला 1 अप्रैल 2019 से लागू किया जाएगा।
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लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने और करीब तीन महीने बाद हुई कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों और नगर निगमों को लेकर बड़े फैसले लिए गए। बेरोजगार युवाओं के लिए भी बंपर भर्ती का रास्ता साफ हो गया। क्योंकि कैबिनेट ने संविदा फार्मासिस्टों और एएनएम समेत अन्य पदों पर भर्ती के लिए मंजूरी दी है। इससे सूबे के हजारों बेरोजगारों के लिए सरकारी नौकरी का रास्ता खुल जाएगा। कैबिनेट ने नगर निगमों के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का भी फैसला लिया है। अब शहरी विकास सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की बजाय नगर निगम में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति वित्तीय स्वीकृति जारी कर सकेगी। वित्तीय मंजूरी के लिए अब नगर निगम को शासन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नगर आयुक्त की अध्यक्षता में गठित 5 सदस्यीय कमेटी ही वित्तीय स्वीकृति दे सकेगी। कैबिनेट बैठक में 15 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग नियमावली मंजूरी मिल गई है। पहाड़ी इलाकों में निवेशक उद्योगों के लिए 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीद सकेंगे या लीज पर ले सकेंगे। कैबिनेट मीटिंग में स्वास्थ्य महकमे में 600 संविदा फार्मासिस्टों की भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी गई, इसकी जगह अब 2 हजार पदों पर नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।