पर्यटकों से अपील: देवभूमि दारूबाजी का अड्डा नहीं है..नदी में उतरकर ऐसे काम मत करो
यमकेश्वर से एक स्तब्ध कर देने वाली तस्वीर सामने आई है, अगर ये खबर सच है तो इससे शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता..
Jun 5 2019 6:09PM, Writer:कोमल नेगी
देवभूमि उत्तराखंड में अतिथियों के स्वागत की, उन्हें आदर देने की परंपरा है, लेकिन अगर बाहरी लोग यहां आकर इस पवित्र देवभूमि का अपमान करेंगे तो ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड के हर हिस्से से ऐसी खबरें लगातार आ रही हैं, जहां बाहर से आए पर्यटकों ने यहां की संस्कृति का मजाक बना दिया है...जिन मंदिरों में देवताओं को पूजा जाता है, उनके आस-पास बाहरी लोग शराब पीते हैं, अय्याशी करते हैं...जो कतई सही नहीं है। हाल ही में फेसबुक पर हमें ऐसी ही एक खबर देखने को मिली। उसकी तस्वीर भी हम आपको दिखा रहे हैं। सोशल मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ये तस्वीर तालघाटी के प्रसिद्ध विंध्यवासिनी देवी मंदिर के पास की है। ये मंदिर यमकेश्वर में है, जहां पहुंचने के लिए लोगों को नदी पार करनी होती है। कुछ श्रद्धालु जब नदी पार कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि नदी के किनारे हरियाणा के पर्यटकों की गाड़ी खड़ी थी। ये पर्यटक पानी में बैठकर शराब पी रहे थे। शराब का नशा उन पर कुछ इस कदर तारी था, कि वो ना तो झिझके और ना ही उन्हें शर्म आई। ये लोग अर्धनग्न होकर पानी में बैठकर शराब पी रहे थे। वहां से गुजरने वाले लोगों ने इन्हें देखा तो, लेकिन नशेड़ियों से पंगा कौन लेता, इसीलिए वो खुद ही वहां से खिसक गए।
घटना वाकई गंभीर और शर्मनाक है
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ये खबर हमें फेसबुक पेज उत्तराखंड देवताओं की भूमि से मिली है। अगर ये सच है तो घटना वाकई गंभीर और शर्मनाक है। पता चला है कि जहां ये पर्यटक शराबखोरी कर रहे हैं, वहीं पर फॉरेस्ट चौकी भी है, पर इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। उत्तराखंड के मंदिरों के पास शराबखोरी का ये पहला मामला नहीं है, ऐसे मामले कई बार सामने आ चुके हैं। कुछ स्वार्थी लोग देवभूमि के पावनस्थलों को, यहां की नदियों को दूषित करते दिखे हैं।
देवभूमि को ऐसे अपमानित मत करो
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पहाड़ के लोगों ने अपनी संस्कृति, परंपराओं और प्रकृति को सहेजकर रखा है, इसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी पर्यटकों से अपील है कि वो उत्तराखंड आएं जरूर, लेकिन देवभूमि को अपमानित ना करें, हर साल लाखों श्रद्धालु इस पावन धरती पर देवताओं को नमन करने आते हैं, इसीलिए इसे अय्याशी का अड्डा ना बनाएं।