22 जून को औली में शाही शादी का कार्यक्रम संपन्न होगा और खबर है कि इसके बाद नवदंपत्ति त्रियुगीनारायण मंदिर जाएंगे..तैयारियां चल रही हैं...देखिए तस्वीरें
Jun 21 2019 2:51PM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड के औली में शाही शादी का कार्यक्रम अब संपन्न होने की तरफ है। 20 जून को अजय गुप्ता के पुत्र सूर्यकांत का विवाह हुआ। इसके बाद 22 जून को अतुल गुप्ता के पुत्र शशांक का विवाह होना है। अब खबर है कि इस विवाह के बाद नवदंपत्ति रुद्रप्रयाग स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर जा सकते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेंगे। गुप्ता परिवार के करीबियों के मुताबिक गुप्ता बंधुओं की मां अंगूरी देवी की मंशा थी कि त्रियुगीनारायण मंदिर में ही फेरे लिए जाएं। त्रियुगीरानायण मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। उनके विवाह की अखंड ज्योति आज भी इस मंदिर में जल रही है। शिवरात्रि के मौके पर यहां नवदंपत्ति आते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेते हैं। मान्यता है कि इस ज्योति की भस्म लगाने से सौभाग्य और सफलता मिलती है। इस वजह से गुप्ता परिवार भी इस मंदिर में जाने की तैयारी कर रहा है। आगे देखिए मंदिर की तस्वीरें
ये है मान्यता
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कहा जाता है कि त्रियुगीनारायण मंदिर त्रेतायुग से यहां स्थापित है। मान्यता ये भी है कि इस स्थान पर भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था।
मां पार्वती ने किया था कठोर तप
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पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जब मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तप किया। उनके नाम पर यहां कुंड बना। कुंड का जल जल बहुत पवित्र माना जाता है।
अब बन रहा है वेडिंग डेस्टिनेशन
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आपको बता दें कि अब त्रियुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचाना जा रहा है। कई सेलेब्रिटी यहां आकर विवाह कर चुके हैं।
अब बन रहा है वेडिंग डेस्टिनेशन
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आपको बता दें कि अब त्रियुगीनारायण मंदिर वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचाना जा रहा है। कई सेलेब्रिटी यहां आकर विवाह कर चुके हैं।
ये भी यहां शादी के बंधन में बंधे
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उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, टीवी सीरियल एफआईआर की इंस्पेक्टर चंद्रमुखी चौटाला , गाजियाबाद की आईपीएस अधिकारी अपर्णा गौतम और नैनीताल के एडीएम ललित मोहन रयाल त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह बंधन में बंधे थे।
त्रियुगीरानायण मंदिर
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त्रियुगीरानायण मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। उनके विवाह की अखंड ज्योति आज भी इस मंदिर में जल रही है। शिवरात्रि के मौके पर यहां नवदंपत्ति आते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेते हैं। मान्यता है कि इस ज्योति की भस्म लगाने से सौभाग्य और सफलता मिलती है।