बधाई: पहाड़ के हिमांशु कफल्टिया ने किया PCS टॉप..कभी क्लर्क थे अब बनेंगे डिप्टी कलेक्टर
पीसीएस टॉपर हिमांशु के लिए बैंक के क्लर्क की नौकरी से लेकर अफसर बनने तक का सफर आसान नहीं था...जानिए इनकी कहानी
Jul 6 2019 2:34PM, Writer:कोमल नेगी
मेहनत और लगन सच्ची हो तो किस्मत को भी बदला जा सकता है। ये लाइन पीसीएस टॉपर हिमांशु कफल्टिया पर एक दम फिट बैठती है। आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा-2016 का रिजल्ट जारी हो गया है। जिसमें देहरादून के जिला पंचायत अधिकारी हिमांशु कफल्टिया समेत 5 अभ्यर्थी डिप्टी कलेक्टर बने हैं। ओखलकांडा ब्लॉक में तुसराड़ गांव के निवासी हिमांशु ने बैंक में क्लर्क की नौकरी से लेकर डिप्टी कलेक्टर बनने तक का सफर तय किया है। हालांकि ये आसान नहीं था। उनकी जगह कोई और होता तो सोचता कि सरकारी नौकरी तो कर ही रहे हैं, आगे पढ़ कर कलेक्टर थोड़े ना बन जाएंगे। पर हिमांशु अपनी क्षमताओं को जानते थे। उन्होंने खूब मेहनत की और सफलता की ऐसी इबारत लिख दी, जो लाखों युवाओं को प्रेरणा देगी। हिमांशु नैनीताल के ओखलकांडा के तुसराड़ गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता जूनियर हाईस्कूल के रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं, जबकि मां गृहणी है। हिमांशु की प्राइमरी एजुकेशन गांव में ही हुई। आगे की पढ़ाई उन्होंने रुद्रपुर के जवाहर नवोदय विद्यालय से की। साल 2006 में कुमाऊं यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते थे। कई परीक्षाएं भी पास की। दिल्ली के एक बैंक में क्लर्क रहे, एलआईसी में सहायक प्रशासनिक अधिकारी भी बने। पर वो सिविल सेवा में जाना चाहते थे।
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हिमांशु अफसर बनने के लिए तैयारी करते रहे। इस दौरान उनका गुप्तचर विभाग और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सेलेक्शन भी हो गया, पर हिमांशु ने ज्वाइन नहीं किया। हिमांशु तीन बार सिविल सेवा के लिए इंटरव्यू दे चुके थे, पर सेलेक्शन नहीं हुआ। इस असफलता ने हिमांशु को तोड़ा नहीं, बल्कि दोगुने उत्साह से मेहनत करने की सीख दी। इस वक्त हिमांशु जिला पंचायत कार्याधिकारी हैं। यानि वो पहले भी पीसीएस क्वालिफाई कर चुके हैं। पर अब वो पीसीएस टॉपर हैं। हिमांशु की पत्नी गुंजन शर्मा भी 2016 बैच की आईआरएस हैं। इस वक्त वो दून में सहायक आयुक्त आयकर के पद पर काम कर रही हैं। हिमांशु बताते हैं कि जब उन्होंने पीसीएस के लिए इंटरव्यू दिया था, उसी दौरान उनके बेटे का जन्म हुआ। बेटे का आगमन उनके लिए शुभ रहा। हिमांशु कहते हैं कि सफलता के लिए निरंतरता और एकाग्रता जरूरी है। अगर ध्यान लगाकर तैयारी की जाए तो असंभव को संभव किया जा सकता है। इसी परीक्षा में उपाधीक्षक पद के लिए अंकित कंडारी सहित 17 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। सभी सफल अभ्यर्थियों को राज्य समीक्षा टीम की तरफ से बधाई।