image: uttarakhand highcourt dicission on Polythene

उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा ऐलान, अब प्रति पॉलीथीन लगेगा 500 रुपये जुर्माना

पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले दुकानदार संभल जाएं, क्योंकि अब एक-एक पॉलीथिन बहुत महंगी पड़ने वाली है...
Jul 31 2019 4:12PM, Writer:कोमल नेगी

पॉलीथिन के घातक परिणाम हम सभी जानते हैं। सरकार और प्रशासन ने पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद कराने के लिए क्या-क्या नहीं किया। लोगों से अपील की, अभियान चलाए, पर हालात नहीं बदले। अब भी पॉलिथीन का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। ये पॉलीथिन मवेशियों के पेट में जाकर उनकी जान ले रही है, नालियों-नालों में अटकी पड़ी है और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रही है। हाल ही में पॉलिथीन का इस्तेमाल रोकने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला लिया। अब अगर पॉलीथिन इस्तेमाल की तो एक पॉलीथिन के हिसाब से पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। उत्तराखंड के पर्यावरण को सहेजने की दिशा में उठाया गया ये अहम कदम है। हाईकोर्ट ने आदेश पारित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रत्येक दुकानदार पांच हजार की जगह प्रति पॉलीथिन पांच सौ रुपये जुर्माने का प्रावधान किया है। प्रदेश में पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए, उनके बारे में भी बताते हैं।

यह भी पढें - उत्तराखंड के 10 हजार होमगार्ड्स के लिए शानदार खबर, सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत
साल 2012 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल में प्रति पॉलीथिन पांच सौ रुपये का चालान काटने का आदेश पारित हुआ था। साल 2015 में पूरे प्रदेश में पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। साल 2017 में पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले दुकानदार पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए थे। पर जब बागेश्वर में नगरपालिका ने पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले व्यापारियों का पांच-पांच हजार का चालान किया तो वो भड़क गए। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। पर हाईकोर्ट ने जुर्माने के फैसले को सही करार दिया। यही नहीं अब हाईकोर्ट ने पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों से प्रति पॉलीथिन के हिसाब से 500 रुपये वसूलने को कहा है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद उत्तराखंड में पॉलीथिन का इस्तेमाल बंद नहीं हो रहा। केवल नैनीताल ही एक ऐसा शहर है, जहां व्यापारियों ने पॉलीथिन के इस्तेमाल को सालों पहले ही ना कह दिया था। यहां व्यापारी कपड़े के थैले में सामान देते हैं, ताकि पर्यावरण को सहेजा जा सके।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home