उत्तराखंड में सिपाही ने बेटियां होने पर पत्नी को दी खौफनाक सजा...पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड पुलिस के जवान पर पत्नी ने गंभीर आरोप लगाए हैं, पत्नी का कहना है कि बेटियां पैदा होने से नाराज पति उसकी जान लेना चाहता है...
Aug 2 2019 2:26PM, Writer:Komal Negi
देहरादून में खुद को मित्र पुलिस बताने वाले एक पुलिसकर्मी की ऐसी घिनौनी करतूत सामने आई है, जिसे देख पुलिस तो क्या इंसानियत भी खुद को शर्मिंदा महसूस करने लगेगी। उत्तराखंड पुलिस के एक जवान पर आरोप है कि वो लगातार बेटियां पैदा होने के बाद से पत्नी पर जुल्म कर रहा है। जुल्म भी क्या समझ लीजिए आरोपी ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। पहले पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करता रहा और जब उसने बेटियों को जन्म दिया तो आरोपी ने उसकी जान लेने तक की कोशिश की। पीड़ित महिला को अपनी मासूम बच्चियों की फिक्र है, कांस्टेबल पति उनकी जान का भी दुश्मन बन बैठा है। पुलिस भी अपने मातहत के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही, जिसके बाद पीड़ित ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री से इंसाफ की गुहार लगाई। पूरा मामला क्या है, चलिए जानते हैं। 7 साल पहले 2012 में प्रियंका नाम की युवती की शादी सिपाही अखिलेश आगरी से हुई थी। वो इस वक्त अल्मोड़ा जिले में बतौर सिपाही तैनात है। प्रियंका ने बताया कि शादी के बाद से ही पति उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा। प्रियंका ने सोचा कि थोड़े वक्त में सब ठीक हो जाएगा, पर ऐसा हुआ नहीं।
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बाद में प्रियंका ने एक के बाद एक दो बेटियों को जन्म दिया तो आरोपी पति और उसका पूरा परिवार प्रियंका पर जुल्म ढाने लगा। उसे बेटियां पैदा करने की सजा देने लगा। आरोपी सिपाही और उसके माता-पिता ने प्रेग्नेंसी के दौरान प्रियंका को जिंदा जलाने की कोशिश भी की। पर वो किसी तरह मरते-मरते बच गई। जब दूसरी बार भी बेटी पैदा हुई तो ससुरालवालों ने उसके प्राइवेट पार्ट को चोट पहुंचाकर उसे दर्दनाक मौत देने की कोशिश की। जुल्म बढ़ते गए तो प्रियंका किसी तरह अपने भाई और मां के पास लौट आई। पीड़ित ने बताया कि उसके शरीर के हर हिस्से पर जख्म हैं, देवर ने उसका हाथ भी तोड़ दिया। आरोपी पति अब बच्चियों को जान से मारने की धमकी दे रहा है। पीड़ित ने पुलिस प्रशासन पर भी कार्रवाई ना करने के आरोप लगाए हैं। हर तरफ से निराश हो चुकी पीड़ित ने अब पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इंसाफ मांगा है, ताकि वो अपनी मासूम बच्चियों की जान बचा सके।