image: rishikesh aiims doctors good work

उत्तराखंड में 5 साल के बच्‍चे ने निगला 10 रुपये का सिक्‍का, डाक्‍टरों ने ऐसे बचाई जान

कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होता है। इसका एक नजारा उत्तराखंड में देखने को मिला है।
Aug 4 2019 4:38PM, Writer:आदिशा

इंसानी की जिंदगी में ऐसी भी घटनाएं होती हैं, जब वो मौत के मुंह से बाहर निकल पाता है। इस वक्त जो उसे मौत के मुंह से बाहर निकाल लाए, वो वास्तव में उसके लिए देवदूत साबित होता है। खासतौर पर डॉक्टर...आप मानें या ना मानें लेकिन ये बात तो सच है, डॉक्टर भी कई बार इंसान की जिंदगी में देवदूत बनकर ही आते हैं। उत्तराखंड में 5 साल के बच्चे की जिंदगी में भी डॉक्टर भगवान बनकर आए। ऋषिकेश एम्स में डॉक्टरों ने एक बार फिर से साबित कर दिखाया कि वो भगवान का दूसरा रूप हैं। साढ़े पांच साल के बच्चे की आहार नली में 10 रुपये का सिक्का फंस गया था। यहां हम भी आपसे अपील करते हैं कि अपने बच्चों की हर हरकत नोट करते रहें। जाने अनजाने में वो कुछ ऐसा काम कर देते हैं कि सभी की जान हलक में अटक जाती है। आगे जानिए पूरी कहानी

यह भी पढें - एक्शन में IAS दीपक रावत, मनमाने ढंग से वसूली करने वाले पर उतारा गुस्सा..देखिए वीडियो
दरअसल ज्वालापुर, हरिद्वार के रहने वाले एक साढ़े पांच साल के बच्चे ने खेलते वक्त 10 रुपये का सिक्का निगल लिया। वो सिक्का बच्चे की आहार नाल में जाकर फंस गया। बच्चा अचेत होने लगा तो परिजनों के होश उड़ गए। परिजनों ने सूझबूझ का परिचय दिया और उसे तुरंत ही एम्स ऋषिकेश की ट्रॉमा इमरजेंसी में भर्ती कराया। यहां से डॉक्टरों का काम शुरू हुआ। डॉक्टर्स जानते थे कि हर एक सेकंड बच्चे की जिंदगी के लिए बेहद कीमती है। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की डाक्टर इनोनो यहोशु और डा. मनीष कुमार गुप्ता ने बच्चे का इाज शुरू किया। फोलिस कैथेटर (एक सिरे पर गुब्बारा लगे रबड़ के पाइप के उपकरण) को बच्चे की नाक के रास्ते आहार नाल में डाला गया और इसके बाद सीरिंज के जरिये पाइप में पानी भरकर गुब्बारे को फुलाया गया। इसके बाद पाइप को धीरे- धीरे ऊपर खींचकर सिक्के के साथ बाहर निकाला गया। इस तरह से एक मासूम की जिंदगी बच पाई।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home