उत्तराखंड में ‘मौत’ का सैलाब...अब तक 59 लोगों की मौत, 12 लोग अब भी लापता
उत्तराखंड में आपदा से अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है, कई लोग अब भी लापता हैं...
Aug 21 2019 9:58PM, Writer:कोमल नेगी
कुदरत ना जाने कब तक उत्तराखंड का इम्तिहान लेगी। हर साल मानसून में बारिश की शक्ल में आफत आती है, सैलाब आता है, सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं, और ये हर साल होता है। आपदा के बाद कई योजनाएं बनती हैं, ध्वस्त हो चुके पुल और सड़कें बनती हैं, पर अगली बरसात आते-आते ये भी प्रशासन के दावों की तरह ढेर हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। प्रदेश में आई आपदा में अब तक 59 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 55 लोग घायल हैं, अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। 12 लोग लापता हैं, उनका कोई सुराग नहीं लगा। उत्तरकाशी के मोरी में बसा कोटीगाड़ क्षेत्र आपदा से प्रभावित है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी चिंतित हैं। प्रभावित इलाकों तक राहत पहुंचाने के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं, पर ये काफी नहीं दिख रहे। मंगलवार को सचिवालय में सीएम ने पत्रकारों के सामने आपदा से हुए नुकसान का ब्यौरा रखा। उन्होंने बताया कि आपदा की वजह से 134 आवासीय भवन आंशिक और 115 भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। सड़कें, मोटरपुल, पैदल पुल और बिजली की लाइनें भी सैलाब की भेंट चढ़ गईं।
यह भी पढें - केदार आपदा में देवदूत बने थे कैप्टन रंजीव लाल, उत्तरकाशी में हेली क्रैश के बाद दुनिया से चले गए
51 गांव आपदा से प्रभावित हैं। करीब 130 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। संचार व्यवस्था ठप हो गई है। आराकोट, त्यूणी और मोरी में सेटेलाइट फोन की व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने आपदा प्रबंधन केंद्र का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। आपदा के जख्म गहरे हैं, लेकिन सरकार ने जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश शुरू कर दी है। सीएम ने आपदा प्रभावित इलाकों में पुनर्निर्माण के लिए कई घोषणाएं की। गांवों में झूला पुल बनेंगे। आराकोट में पुलिस चौकी, सरकारी स्कूल और अस्पताल का पुनर्निर्माण होगा। सीएम पीड़ितों का दर्द समझ रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर अब भी संवेदनहीन बने हुए हैं। अस्पताल में भर्ती आपदा प्रभावित लोगों को अस्पतालकर्मी निजी मेडिकल स्टोर से सामान लाने को मजबूर कर रहे हैं, जबकि सीएम ने उन्हें फ्री इलाज देने को कहा है। दून अस्पताल की कैंटीन वालों ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को खाना भी नहीं दिया। आपदा प्रभावित 9 लोग दून अस्पताल में भर्ती हैं। रविवार को आई तबाही का मंजर वो भूल नहीं पा रहे। अस्पताल में भर्ती 16 साल का हितेश माकुड़ी का रहने वाला है। सैलाब ने उसके पूरे परिवार को लील लिया। अब परिवार में केवल हितेश और उसका छोटा भाई रह गए हैं। दर्द की ऐसी कई कहानियां हैं, जिन्हें सुन आपका कलेजा फट पड़ेगा। भगवान करे दर्द का ये अंतहीन सिलसिला यहीं खत्म हो जाए, देवभूमि को फिर कभी कुदरत का कहर ना झेलना पड़े।