image: Repeated earthquake tremors at one place in four districts

उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आने के संकेत, दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने जताई गहरी चिंता

उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ और रुद्रप्रयाग जिले में धरती बार-बार कांप रही है, ये बड़े खतरे का संकेत है...
Sep 18 2019 3:56PM, Writer:कोमल नेगी

भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां जमीन के भीतर हो रही हलचल के नतीजे अक्सर सामने आते रहते हैं। कुछ दिन पहले चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए और फिर पिथौरागढ़ में धरती डोल गई। भूकंप से इन इलाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ। पर अगर आप ये सोच रहे हैं कि खतरा टल गया है, तो संभल जाइए। क्योंकि वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आ सकता है। पिछले चार साल की बात करें तो उत्तराखंड में 77 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। 95 फीसदी भूकंप के झटके उत्तराखंड की महज चार जगहों पर केंद्रित रहे। ये जिले हैं उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र के भूगर्भ में बड़ी भूकंपीय ऊर्जा जमा हो रही है। ये ऊर्जा केवल 4 जगहों से ही बाहर निकल रही है, इसीलिए इन जगहों पर लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं। चिंता की बात ये है कि अभी ये ऊर्जा कम स्तर पर ही बाहर आ पाई है। उत्तरकाशी में भूकंप का केंद्र कोटला गांव है। रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में भी एक ही जगह पर भूकंप आ रहे हैं।

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रिसर्च से पता चला है कि ये पूरा भूभाग 18 मिलीमीटर की दर से सिकुड़ रहा है। धरती के भीतर हो रही ये हलचल ऊर्जा के भंडार में तब्दील हो रही है, जो कि कभी भी बड़े भूकंप के तौर पर फट कर बाहर आ सकती है। ऐसा हुआ तो इस पूरे क्षेत्र में 7 से 8 रिक्टर स्केल का भूकंप आएगा, जिससे भारी तबाही मचेगी। कुमाऊं इलाके में आखिरी बड़ा भूकंप साल 1334 और 1505 में आ चुका है। तब से अब तक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया। उत्तराखंड की धरती के भीतर लगातार तनाव की स्थिति बनी है, जो कि बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है। यहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। हाल ही में सिंगापुर में हुए एशिया ओशियन जियोसाइंस सोसायटी 2019 में भी इस विषय पर मंथन हुआ, दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने चिंता जताई। वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को दे दी है। वैज्ञानिकों ने पहाड़ी क्षेत्रों में खाद्य स्टोर के साथ-साथ दवाओं के भंडारण का सुझाव भी दिया है, ताकि लोग सुरक्षित रहें। भूकंप आने पर उन्हें जल्द से जल्द मदद मिल सके।


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