उत्तराखंड: पहाड़ों में ड्राइविंग के लिए पास करना होगा ‘हिल ट्रैक’ टेस्ट, वरना नहीं बनेगा लाइसेंस
उत्तराखंड में बढ़ते हादसों पर लगाम लगाने के लिए लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया और भी ज्यादा जटिल कर दी गई है।
Oct 18 2019 2:41PM, Writer:आदिशा
उत्तराखंड में हाथ से लगातार बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर पहाड़ों में हादसों पर लगाम लगाना बेहद मुश्किल हो रहा है ऐसे में पर्वतीय इलाकों में होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को और भी ज्यादा कठिन किया जा रहा है। अब पहाड़ों में ड्राइविंग करने के लिए लोगों को हिल ट्रैक परीक्षा पास करनी होगी इस व्यवस्था को कुछ दिनों में लागू कर दिया जाएगा। दरअसल उत्तराखंड में हाथ से लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं आए दिन किसी न किसी की मौत हो रही है। अब एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे का कहना है इस वक्त आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च में इंफॉर्मेशन पार्किंग समानांतर पार्किंग की परीक्षा देनी पड़ रही है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में हादसों को रोकने के लिए अब परीक्षा पास हर हाल में करनी होगी। अब आपको यह भी बता देते हैं कि एक परीक्षा में क्या खास होगा। आगे पढ़िए
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इस परीक्षा के दौरान चालकों को चढ़ाई के साथ घाटियों, पहाड़ों के ढलान, खतरनाक मोड़ पर गाड़ी चलाने के लिए परीक्षा देनी होगी। पुलिस में पास होने के बाद ही आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा। एआरटीओ अरविंद पांडे का कहना है कि इस नियम को लागू करने के बाद सिर्फ उन्हीं चालकों का ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा जो वास्तव में पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाने में कुशल है। अगर ऐसा होता है तो पहाड़ में हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी। इसके अलावा एक और खास बात आपको बता दें कि अब वाहनों के साथ साथ दो पहिया वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए झाझर के इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग सेंटर जाना होगा। आपको बता दें कि अभी तक आवेदकों का टेस्ट आरटीओ में लिया जा रहा था लेकिन अब इस व्यवस्था को झाझरा में किया जा रहा है। तो अगर आप पहाड़ों में ड्राइविंग करना चाहते हैं या पहाड़ों में गाड़ी चलाना चाहते हैं तो आपको हिल ट्रैक टेस्ट पास करना होगा वरना आपका लाइसेंस बनना मुश्किल है।