उत्तराखंड पंचायत चुनाव रिजल्ट: मिलिए सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य से
पौड़ी की शालिनी को प्रदेश की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनने का गौरव हासिल हुआ है, उन्होंने सुलमोड़ी से जीत दर्ज कराई...
Oct 22 2019 4:10PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के जरिए गांवों को युवा जनप्रतिनिधि मिले हैं। गांव वालों ने घिसी-पिटी लकीर से हटकर शिक्षित युवाओं को प्रतिनिधित्व का मौका दिया। इनमें भी बड़ी संख्या में पहाड़ की युवा बेटियां शामिल हैं, जिन्होंने प्रधान पद से लेकर जिला पंचायत सदस्य तक के पदों पर जीत हासिल की। चलिए अब आपको पौड़ी की सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य से मिलाते हैं, इनका नाम है शालिनी। शालिनी की उम्र महज 22 वर्ष है, वो शिक्षित हैं और क्षेत्र के लिए कुछ बेहतर करना चाहती हैं। शालिनी की इसी सोच ने गांव वालों को प्रभावित किया और उन्होंने शालिनी को अपना प्रतिनिधि चुन लिया। शालिनी पौड़ी में सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनी हैं। उन्होंने सुलमोड़ी सीट से जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद उत्साहित शालिनी ने गांववालों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने जो भरोसा उन पर जताया है, वो उसे कभी टूटने नहीं देंगी।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड पंचायत चुनाव रिजल्ट: 1 महीने पहले गांव की बहू बनी और आज बन गई प्रधान
आपको बता दें कि केवल क्षेत्र पंचायत सदस्य ही नहीं ग्राम प्रधान के पद पर भी ग्रामीणों ने युवा चेहरों को तरजीह दी है। शिक्षित बेटियों पर भरोसा जताया है। प्रदेश की सबसे कम उम्र की प्रधान बनने वाली युवा बेटी का नाम है रागिनी, रागिनी ने साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन किया है। वो महज 21 साल की उम्र में गांव की प्रधान चुन ली गईं। रागिनी हल्द्वानी की पनियाली ग्राम सभा से प्रधान चुनी गईं। रागिनी साइकोलॉजी में ग्रेजुएट हैं, पर गांव-समाज के लिए कुछ बेहतर करने की इच्छा उन्हें राजनीति में खींच लाई। इस बार रागिनी ने प्रधान पद पर चुनाव लड़ा और इसमें जीतीं भी। देहरादून के रायपुर में 23 साल की शिवानी कंडारी ग्राम प्रधान का चुनाव जीती हैं। शिवानी ने लड़वाकोट ग्राम से चुनाव जीता। चंपावत में मीना कुंवर ग्राम प्रधान बनी हैं। 23 साल की मीना को भंडारबोरा के ग्रामीणों ने अपना प्रधान चुना।