उत्तराखंड: आंगन में खेल रहे 5 साल के बच्चे को गुलदार ने मार डाला, जंगल में मिली लाश
5 साल का मयंक घर के आंगन में खेल रहा था, तभी घात लगाए गुलदार ने उस पर हमला कर दिया, बाद में बच्चे की लाश घर से डेढ़ सौ मीटर दूर पड़ी मिली..
Nov 11 2019 2:25PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ में नरभक्षी गुलदार का आतंक चरम पर है, रुद्रप्रयाग हो, पौड़ी या फिर पिथौरागढ़...हर जिले में गुलदार दहशत का सबब बने हुए है। गुलदार के हमले की ताजा घटना पिथौरागढ़ में सामने आई, जहां गंगोलीहाट में गुलदार ने आंगन में खेल रहे 5 साल के बच्चे को अपना निवाला बना लिया। बच्चे की क्षत-विक्षत लाश घर से करीब डेढ़ सौ मीटर दूर पड़ी मिली। घटना के बाद से मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव वाले भी दहशत में हैं। लोगों ने अपने बच्चों को घरों में कैद कर लिया है। घटना विरगोली ग्राम पंचायत में आने वाले सौल गांव की है, जहां 5 साल का मयंक खाती रविवार शाम 5 बजे घर के आंगन में खेल रहा था। तभी घात लगाकर छिपे तेंदुए ने बच्चे पर हमला कर दिया और उसे उठाकर ले गया। बच्चे की चीख सुनकर परिजन मौके पर पहुंचे तो मासूम को गुलदार के जबड़े में फंसे देख उनकी चीख निकल निकल गई। परिजन गुलदार का पीछा करने लगे, पर मासूम मयंक को बचाया नहीं जा सका।
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बच्चे की लाश घर से डेढ़ सौ मीटर दूर पड़ी मिली। बाद में वन विभाग और राजस्व विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और बच्चे की लाश को अपने कब्जे में ले लिया। बच्चे के पिता गजेंद्र खाती देहरादून में एक प्राइवेट फर्म में काम करते हैं। मासूम की मौत के बाद से उसकी मां बेसुध है। ग्रामीणों ने कहा कि दो महीने पहले भी कांडे किरौली गांव में गुलदार ने 3 साल के बच्चे को मार दिया था। पिथौरागढ़ में भी एक महिला गुलदार के हमले में जान गंवा चुकी है। दो महीने 7 दिन के भीतर ही गुलदार 2 मासूमों सहित तीन लोगों को मार चुका है, पर वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के इंतजाम नहीं किए। गुलदार गांव के आस-पास घूम रहा है, इस बारे में वन विभाग से शिकायत भी की गई थी, पर गुलदार पकड़ा नहीं गया। वन विभाग की यही लापरवाही मासूमों की जान पर भारी पड़ रही है।