image: Leopard attacked security guard

पहाड़ में खूंखार गुलदार से लड़ा सुरक्षा गार्ड, मफलर की वजह से बची जिंदगी

सुरक्षाकर्मी ने गले में मफलर ना पहना होता तो उसकी जान बच नहीं पाती, हमले में सुरक्षाकर्मी घायल हुआ है, पर शुक्र है कि उसकी जान बच गई...
Nov 27 2019 5:30PM, Writer:कोमल नेगी

गले में लिपटा मफलर हमें ठंड से बचाता है, पर क्या कभी आपने सोचा है कि ये मफलर किसी की जान भी बचा सकता है। द्वाराहाट में एक सुरक्षाकर्मी की जान केवल इस वजह से बच पाई, क्योंकि उसने मफलर पहन रखा था। हुआ क्या था ये भी बताते हैं। पहाड़ में नरभक्षी गुलदार आतंक का सबब बने हुए हैं, ये तो आप जानते ही हैं। द्वाराहाट भी इससे अछूता नहीं है। मंगलवार को गुलदार ने खीमानंद उपाध्याय पर हमला कर दिया। खीमानंद छतीना गांव के रहने वाले हैं। वो बिपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी संस्थान (बीटीकेआइटी) में सुरक्षाकर्मी हैं। अचानक हुए हमले से खीमानंद बेहद डर गए, पर उन्होंने गुलदार से दो-दो हाथ करने की ठान ली। साहसी खीमानंद ने गुलदार को नीचे गिराया और उस पर लातों से प्रहार करने लगे। बाद में खीमानंद के शोर मचाने पर गांव वाले भी मौके पर पहुंच गए।

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ग्रामीणों को देख गुलदार अपने शावक संग वहां से भाग गया। गुलदार के हमले में खीमानंद का बायां हाथ जख्मी हुआ है, पर शुक्र है कि उनकी जान बच गई। जिस वक्त गुलदार ने खीमानंद पर हमला किया वो ड्यूटी पर जा रहे थे। खीमानंद कहते हैं कि गले में बंधे मफलर ने उनकी जान बचा ली। गुलदार ने उन्हें नीचे गिराकर उनके गले पर वार किया था। पर गले में मफलर बंधा था, जिस वजह से गुलदार कुछ कर नहीं सका। मफलर ना होता तो उनकी जान बच नहीं पाती। बाद में गुलदार ने उनके हाथ पर वार किया। गांव के लोगों के पहुंचने पर गुलदार वहां से भाग गया। गुलदार के हमले की घटना के बाद वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे, उन्होंने कहा कि घायल सुरक्षाकर्मी को मुआवजा दिया जाएगा। गुलदार पकड़ने के लिए क्षेत्र में पिंजरा लगाया जा रहा है।


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