उत्तराखंड में बर्फबारी से 33 संपर्क मार्ग बंद, 200 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा
पीडब्ल्यूडी ने 47 सड़कों से बर्फ हटाकर ट्रैफिक शुरू तो करा दिया है, पर प्रदेश में अब भी 33 संपर्क मार्ग बंद हैं...
Dec 16 2019 6:22PM, Writer:कोमल
उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी के बाद हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है। जैसे-जैसे बर्फ पिघलने लगी है, जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है, पर मुश्किलें फिर भी कम नहीं हुई। बर्फीली हवाओं का असर सिर्फ पहाड़ ही नहीं मैदानों तक में महसूस किया जा रहा है। बारिश-बर्फबारी के साथ जो दुश्वारियां शुरू हुई थीं, वो अब तक कम नहीं हुई हैं। दूरस्थ पहाड़ी गांवों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी ने 47 सड़कों से बर्फ हटाकर ट्रैफिक शुरू तो करा दिया है, पर प्रदेश में अब भी 33 संपर्क मार्ग बंद हैं। बदरीनाथ हाईवे पर अब भी गाड़ियां नहीं चल रहीं। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर भी गाड़ियों की आवाजाही बंद है। प्रदेश के 200 गांवों का नजदीकी क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। इन गांवों ने ना तो बिजली आ रही है और ना ही पानी। कई जगह तो लोगों को बर्फ गला कर पानी पीना पड़ रहा है। 170 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। अधिकारियों ने दावा किया था कि सोमवार तक स्थिति सामान्य हो जाएगी, पर ऐसे हुआ नहीं।
यह भी पढ़ें - देहरादून पुलिस ने पकड़ा करोड़ों की कीमत वाला दोमुंहा सांप, 3लोग गिरफ्तार
बारिश के बाद बर्फीली हवा ने लोगों की बैचेनी बढ़ा दी है। पहाड़ में जगह-जगह बंद सड़कों को खोलने के लिए लोनिवि ने 70 जेसीबी मशीनें लगाई हुई हैं, पर फिर भी कई जगह गाड़ियां फंसी हुई हैं। मौसम बिगड़ रहा है। कुमाऊं के मुक्तेश्वर में पारा शून्य से नीचे रिकॉर्ड किया गया, जोशीमठ में भी यही हाल है। यहां न्यूनतम तापमान माइनस 0.1 रिकॉर्ड किया गया। बारिश-बर्फबारी के बाद अब शीतलहर चल रही है। ठंड से बेहाल लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं। वहीं एक राहत भरी खबर उत्तरकाशी से आ रही है, जहां हालात बेहतर हो रहे हैं। डीएम डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि ज्यादातर इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर ली गई है। 30 गांवों में बिजली के तारों को ठीक करने का काम चल रहा है। बीआरओ ने हर्षिल तक बर्फ हटाकर गंगोत्री हाईवे पर आवाजाही बहाल कर दी है। हर्षिल में फंसे 25 पर्यटक भी अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए हैं, ये लोग 11 दिसंबर से हर्षिल में फंसे थे।