उत्तराखंड में राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा शराबी, सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट
उत्तराखंड में 18.8 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं, ये आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है....
Jan 11 2020 2:24PM, Writer:कोमल
सूर्य अस्त, पहाड़ मस्त...दुखद है पर सच यही है कि उत्तराखंड नशे के लिए हमेशा से बदनाम रहा है। समय बदला है, अब लोग नशे के बुरे प्रभावों के बारे में जानते हैं, इसके बावजूद भी नशाखोरी कम नहीं हुई है, बल्कि बढ़ती ही जा रही है। कल तक लोग शराब का नशा करते थे, आज युवा भांग, कोकीन, इंजेक्शन और सिंथेटिक ड्रग का इस्तेमाल करने लगे हैं। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि हर जिले में पुलिस को नशा विरोधी अभियान चलाना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने भी उत्तराखंड में नशाखोरी की बढ़ती लत पर चिंता जताई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड राज्य में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा शराबी हैं। ये चौंकाने वाला खुलासा सैंपल सर्वे की रिपोर्ट में हुआ है। एम्स नई दिल्ली के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर ने देशभर में सैंपल सर्वे कराया था। सर्वे की पहल केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने की। इस रिपोर्ट में चिंता बढ़ाने वाले खुलासे हुए हैं। सर्वे में पता चला कि उत्तराखंड राज्य में 10 से 75 वर्ष के आयु वर्ग में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा शराबी हैं।
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी, कॉलेजों 877 पदों पर होगी भर्ती
चिंता की बात ये है कि पहाड़ में पलायन तो बढ़ ही रहा है, साथ ही नशे की प्रवृत्ति भी। लोग नशे के लिए शराब के साथ-साथ सिंथेटिक ड्रग, भांग, कोकीन और सूंघने वाले नशीले पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इंजेक्शन के जरिए नशा करने की लत भी बढ़ी है। सैंपल सर्वे के मुताबिक उत्तराखंड में शराब का नशा करने वालों का आंकड़ा 18.8 प्रतिशत हैं। जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल में यह औसत 8.9 प्रतिशत है। रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में 4.2 प्रतिशत से ज्यादा लोग शराब की लत के शिकार हैं। हिमाचल भी उत्तराखंड की तरह पहाड़ी राज्य है, लेकिन यहां पर शराबखोरी की लत का आंकड़ा महज 1.7 प्रतिशत है। उत्तराखंड में लोग हर तरह का नशा कर रहे हैं। पर शराबखोरी के जरिए नशा करने वालों की तादाद ज्यादा है। चलिए अब आपको बताते हैं कि उत्तराखंड में लोग किस तरह का नशा करते हैं। सर्वे में पता चला कि राज्य में 3.38 प्रतिशत लोग भांग का नशा करते हैं। 6216 लोग नशे का इंजेक्शन लेते हैं। शराब पीने वालों का प्रतिशत 18.8 है, जो कि राष्ट्रीय औसत 14.6 प्रतिशत से काफी ज्यादा है। कोकीन लेने वालों का प्रतिशत 0.02 है। 3.38 प्रतिशत लोग भांग का सेवन करते हैं। सिंथेटिक ड्रग लेने वालों का आंकड़ा 2.58 फीसद है, जबकि एक प्रतिशत लोग सूंघने वाला नशा करते हैं। हालात चिंताजनक हैं। वहीं समाज कल्याण विभाग के निदेशक विनोद गिरी ने कहा कि नशे के खिलाफ एक्शन लेने के लिए विभाग ने प्लान तैयार कर लिया है। कार्ययोजना तैयार है, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।