देश में पहली बार देहरादून निगम फिक्स करेगा किन्नरों का बधाई शुल्क, जानिए कितना देना होगा
देहरादून नगर निगम ऐसा प्रस्ताव पास करने वाला देश का पहला नगर निगम है...
Jan 12 2020 2:46PM, Writer:कोमल
एक वक्त था, जब किन्नरों का घर में आना खुशियों का आगमन माना जाता था। लोग किन्नरों को खुश होकर बधाई शुल्क देते थे। इसके लिए लोगों पर दबाव नहीं बनाया जाता था, उन्हें धमकियां नहीं दी जाती थीं। लेकिन अब सब बदल गया है। लोग किन्नरों को परेशानी का सबब समझने लगे हैं, और इसकी वजह है वो आतंक जो कि किन्नरों के हंगामे के साथ शुरू हुआ। ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां मनमाना बधाई शुल्क ना मिलने पर किन्नरों ने बवाल काट दिया। लोग अब इनसे डरने लगे हैं। प्रदेश के बाकी हिस्सों का तो पता नहीं, लेकन दून के लोगों को किन्नरों के हंगामे के डर से मुक्ति जरूर मिलने वाली है। नगर निगम देहरादून में किन्नरों का बधाई शुल्क फिक्स करने वाला है। जिससे किन्नरों की वसूली पर लगाम लगेगी। शुभ काम में हंगामे की आशंका भी खत्म होगी। देहरादून नगर निगम में इसे लेकर एक प्रस्ताव लाया गया था, जिस पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई।
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प्रस्ताव में किन्नरों को दिए जाने वाले बधाई शुल्क को फिक्स करने की बात शामिल है। देहरादून नगर निगम ऐसा प्रस्ताव पास करने वाला देश का पहला नगर निगम है। इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए अब एक कमेटी बनेगी, जो कि बधाई शुल्क तय करेगी। बधाई शुल्क की दरों के बारे में भी आपको बताते हैं। निम्न वर्ग को बधाई के तौर पर किन्नरों को 500 रुपये, मध्य वर्ग को 1100 रुपये और उच्च वर्ग को 2100 रुपये देने होंगे। पार्षद अमृता सिंह ने कहा कि प्रस्ताव पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई है। आपको बता दें कि दून में मनमानी बख्शीश ना मिलने पर किन्नरों के तमाशे की घटनाएं आम हो चली हैं। लोग इसे खुली लूट कहते हैं, हंगामे से डरे लोग फजीहत से बचने के लिए बजट से ज्यादा पैसे किन्नरों को दे देते हैं। ऐसे में बधाई शुल्क फिक्स हो गया तो किन्नरों की मनमानी पर रोक लगेगी। उनके आने पर मोलभाव करने और हंगामे की आशंका खत्म हो जाएगी।