कोटद्वार में महंगी होगी जमीन, आसमान छुएंगे प्रॉपर्टी के रेट..2 मिनट में जानिए पूरी खबर
शासन की स्वीकृति मिलने के बाद नगर निगम के क्षेत्र में आने वाली जमीन के नये सर्किल रेट तय किए जाएंगे...
Jan 13 2020 12:37PM, Writer:कोमल
कोटद्वार...यानि गढ़वाल का द्वार। यूपी और उत्तराखंड के बॉर्डर पर बसा ये कस्बा तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां फैक्ट्रियां लग रही हैं, मैदानी इलाकों से सटा होने की वजह से उद्योगपति यहां नए-नए उद्योग लगा रहे हैं। शहर जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, यहां जमीन की कीमत आसमान छूने लगी है। आने वाले वक्त में जमीन की कीमत और बढ़ेगी। क्योंकि कोटद्वार में जमीन का सर्किल रेट बढ़ने वाला है। रविवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में सर्किल रेट बढ़ाने के फैसले पर शासन की मुहर लग गई। कोटद्वार में नगर निगम का गठन हो चुका है। अब यहां निगम क्षेत्र की जमीन के रेट बढ़ाने की तैयारी चल रही है। शासन की स्वीकृति मिलने के बाद निगम के क्षेत्र में आने वाली जमीन के नये सर्किल रेट तय किए जाएंगे। जिससे क्षेत्र में जमीन के सरकारी भाव और बाजार भाव एक-दूसरे के काफी करीब आ जाएंगे।
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नगर निगम के गठन से पहले शासन यहां तीन कैटेगरी में सर्किल रेट जारी करता था। जिसमें नगर पालिका क्षेत्र को नगरीय श्रेणी में रखा गया था। शहर से सटे सुखरो पट्टी के सभी गांव अर्ध नगरीय क्षेत्र में शामिल थे। जबकि सनेह, मोटाढांक और हल्दूखाता के गांवों को ग्रामीण श्रेणी में रखा गया था। यहां जमीन के रेट क्या थे, ये भी बताते हैं। नगरीय क्षेत्र में अकृषि भूमि की सरकारी दरें (शून्य से 50 मीटर तक) आठ हजार से पांच हजार रुपये तक थीं। अर्धनगरीय कैटेगरी में ये दर 3100 रुपये से 1400 रुपये प्रति वर्ग मीटर हुआ करती थी। ग्रामीण क्षेत्रों में अकृषि भूमि की सरकारी दरें 2000 से 1060 रुपये प्रति वर्ग मीटर थी। नगर निगम के गठन के बाद कई ग्राम सभाओं का अस्तित्व खत्म हो गया। इन्हें नगर में शामिल कर लिया गया। नगर निगम के गठन के बाद अब पूरे क्षेत्र में नगरीय दरें ही लागू होंगी। इसका सीधा मतलब ये है कि कोटद्वार-भाबर और सनेह में जमीनों का एक ही रेट होगा। नये सर्किल रेट जारी होने के बाद कोटद्वार शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जमीनें महंगी हो जाएंगी।