उत्तराखंड: सरकारी स्कूल में बच्चे से ढुलवाई गई चावल की बोरी, अस्पताल में भर्ती
गरीब परिवार का बच्चा स्कूल में पढ़ने के लिए गया था, पर वहां उससे 50 किलो चावल की बोरियां ढुलवाई गईं, पीड़ित छात्र अब अस्पताल में है...
Jan 15 2020 5:27PM, Writer:कोमल
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई को छोड़कर सबकुछ हो रहा है। अब अल्मोड़ा के सोमेश्वर में ही देख लें, यहां माता-पिता ने अपने बच्चे को स्कूल भेजा था, पर बच्चा पहुंच गया अस्पताल। ऐसा कैसे हुआ, ये भी बताते हैं। बच्चे के पिता का आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल और भोजन माता छात्र से चावल की ढुलाई करा रहे थे। उससे 50 किलो भार वाले चावल की बोरी उठवाई गई। जिससे बच्चे की तबीयत खराब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बच्चे के पिता ने इस संबंध में प्रभारी स्कूल प्रिंसिपल और भोजन माता के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पूरा मामला क्या है, ये भी जान लें। सोमेश्वर के ताकुला विकासखंड में एक स्कूल है राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डौनी। पीड़ित छात्र सागर इसी स्कूल में कक्षा 9वीं में पढ़ता है। 18 दिसंबर को सागर रोज की तरह स्कूल गया हुआ था। जहां उसे काम पर लगा दिया गया।
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आरोप है कि प्रभारी प्रधानाचार्य और भोजन माता ने उससे चावल की भरी बोरी की ढुलाई कराई। सागर 50 किलो की बोरी को अपनी पीठ पर लादकर गोदाम से भोजनालय तक ले गया। ये दूरी 70 मीटर है। इसके बाद से सागर की कमर और पेट में दर्द रहने लगा। उसकी हालत बिगड़ती गई, जिसके बाद उसे 29 दिसंबर को रानीखेत के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। 3 जनवरी को पीड़ित के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिक्षाधिकारी और सीएम को ज्ञापन भी भेजा। सागर अनुसूचित जाति के गरीब परिवार का बच्चा है। पिता ने कहा कि उनका बच्चा स्कूल में पढ़ने गया था, पर उसे वहां मजदूरी पर लगा दिया गया। बेटे के इलाज में उनका काफी पैसा बर्बाद हो गया, मानसिक पीड़ा भी झेलनी पड़ी। आपको बता दें कि 05 जुलाई 2019 को इस स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को पद से हटाने के आदेश जारी हुए थे। दोनों पर अनियमितता का आरोप लगा था। डीईओ के आदेशों के बावजूद प्रभारी प्रधानाचार्य अपने पद पर बनी हुई हैं। अब उन पर बाल मजदूरी कराने का आरोप लगा है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी बीएच चंद ने कहा कि मामला गंभीर है, आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।